नरसिंहपुर

बार-बार सामने आ रहे जिले में पीलिया के मरीज

नरसिंहपुर। शासन की मंशा है कि विभागों में नियमानुसार काम हों, लेकिन अधिकारी इसे धता बता रहे हैं। अधिकारियों और विभागों की धींगामस्ती जिले में लोगों की जान की दुश्मन बनी हुई है। जन स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार विभागों की लापरवाही का खामियाजा लोगों को अस्पतालों में पहुंच कर भोगना पड़ रहा है। इसका उदाहरण जिले में बीते तीन महीनों से चल रहे पीलिया और टाइफाईड के रूप में बार-बार सामने आ रहा है।

नरसिंहपुरDec 24, 2018 / 09:37 pm

ajay khare

departments is the enemy of the lives of people in the district

नरसिंहपुर। शासन की मंशा है कि विभागों में नियमानुसार काम हों, लेकिन अधिकारी इसे धता बता रहे हैं। अधिकारियों और विभागों की धींगामस्ती जिले में लोगों की जान की दुश्मन बनी हुई है। जन स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार विभागों की लापरवाही का खामियाजा लोगों को अस्पतालों में पहुंच कर भोगना पड़ रहा है। इसका उदाहरण जिले में बीते तीन महीनों से चल रहे पीलिया और टाइफाईड के रूप में बार-बार सामने आ रहा है।
उल्लेखनीय है कि जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में नियमानुसार समय पर पेयजल की जांच व उपचार नहीं होने की वजह से टाइफाइड व पीलिया जैसी बीमारी इस साल सामने आई है। बीमारी का प्रभाव देखते हुए आनन फानन क्लोरीन की दवा डालकर पानी का उपचार किए जाने का दावा तो किया जा रहा है लेकिन बावजूद इसके बहुतेरे स्थानों पर गंदगी का आलम पेयजल स्त्रोतों के आसपास बना रहने से रोग बढऩे की स्थिति बनी है।
रोगजनक जीवाणु और विषाणु घुल मिलने से पेयजल अशुद्ध बनता है। ये सूक्ष्म जीव मनुष्य और जानवरों के मल से पानी में प्रविष्ट होते है। शहरों में पेय जल के नलो में गंदा पानी घुसकर पेयजल असुरक्षित बनाता है। इसिलिये घरेलू सुरक्षा भी जरुरी है। पानी में रसायन आदि मिलकर भी पानी खराब होता है, लेकिन रासायनिक प्रदूषण जॉंचने के लिये घरेलू तरीके नही है।
जिला मुख्यालय पर ही शहर के 10 से अधिक वार्डो में पेयजल सप्लाई करने वाली टंकी की बॉल और उसके आसपास गंदगी पसरी हुई है। इसी तरह यहां पर मौजूद बोरवेल में रासायनिक जीवाणु होने से इंकार नहीं किया जा सकता। साल के दौरान पीलिया के मरीजों की संख्या चिंता का सबब बनी हुई है।
हाल ही में मेहमदपुर गांव में हैंडपंप के दूषित पानी के कारण यहां के रहवासियों को पीलिया ने अपनी चपेट में ले लिया। रविवार दोपहर डॉक्टरों की टीम ने गांव से १२ मरीजों को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। कुछ मरीजों की हालात चिंताजनक बताई जा रही है।
इनका कहना है
विभाग के माध्यम से लोगों को पेयजल स्त्रोतों के आसपास सफाई रखने जागरूक किया जाता है। स्थानीय निकायों को भी इस पर ध्यान देना चाहिए। पीलिया के मरीजों की जानकारी के बार संबंधितों को सफाई के लिए कहा है। जिला मुख्यालय पर भी ऐसी स्थिति है तो लोगों को इसकी शिकायत करना चाहिए ताकि सुधार हो सके।
डॉ. अनीता अग्रवाल, सीएमएचओ नरसिंहपुर

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