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सुविधाओं की अनदेखी कर बनाई जा रहीं पेटिंग चिढ़ा रहीं यात्रियों को

locationनरसिंहपुरPublished: Feb 23, 2019 08:41:00 pm

Submitted by:

ajay khare

नरसिंहपुर, करली, श्रीधाम और गाडरवारा स्टेशन पर नहीं बैठने और पेयजल व प्रसाधन की पर्याप्त सुविधाएं

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नरसिंहपुर। यात्रियों को सुविधाएं देने की बजाय रंग रोगन में हजारों रुपए खर्च कर बनाई जा रहीं पेंटिंग यात्रियों को चिढ़ाती हुई प्रतीत हो रही हैं। नरसिंहपुर स्टेशन की बात करें तो यहां पर इन दिनों दीवारों को रंगने और उन पर चित्र बनाने का काम चल रहा है। यह चित्र देखने में सुंदर जरूर लगते हैं और स्टेशन को आकर्षक भी बना रहे हैं लेकिन दूसरी ओर इससे भी ज्यादा जरूरी यात्रियों को बैठने के लिए कुर्सियां, टिकट काउंटर, पेयजल और प्रसाधन की सुविधाएं नहीं मिलने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में यात्रियों को वास्तविक सुविधाएं मुहैया कराने की बजाय कलाकृतियां बना कर लुभाने का काम मुंह चिढ़ाता प्रतीत हो रहा है।
नरसिंहपुर स्टेशन पर प्लेटफार्म एक और दो पर यात्रियों के बैठने के लिए कुर्सियों की भारी कमी है। जानकारी के अनुसार प्रतिदिन यहां से तीस हजार यात्री सफर करते हैं । ट्रेन के इंतजार में बैठने के लिए न तो प्लेटफार्म एक पर पर्याप्त संख्या में कुर्सियां हैं और न ही प्लेटफार्म नंबर दो पर । जिसकी वजह से लोगों को खड़े खड़े
ट्रेन का इंतजार करना पड़ता है। दोनों ही प्लेटफार्म पर शेड काफी कम क्षेत्र में हैं जिसकी वजह से ट्रेन के लिए यात्रियों को खुले में खड़े होना पड़ता है। बारिश में और तेज धूप में यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। प्लेटफार्म नंबर दो पर स्थिति और भी बदहाल है जहां यात्रियों के बैठने के लिए कुर्सियां नहीं हंै लोग चबूतरों पर बैठकर ट्रेन का इंतजार करते हैं
प्रसाधन की सुविधाएं अपर्याप्त
प्लेटफॉर्म नंबर एक पर जो प्रसाधन की सुविधाएं हैं वे यात्रियों के अनुपात में काफी कम हैं । पुरुष प्रतीक्षालय में केवल दो टॉयलेट हैं जो प्राय: उपयोग के लायक नहीं रहते क्योंकि उनके पाइप टूटे पड़े रहते हैं । दूसरी ओर जो बाहर जो प्रसाधन कक्ष बने हुए हैं उनमें भी न तो ठीक से सफाई होती है और न ही पानी उपलब्ध रहता है । प्लेटफार्म नंबर दो पर प्रसाधन पुराने हैं जो बदहाल हैं और उनमें ठीक से सफाई नहीं होती या फिर ज्यादातर समय ताला पड़ा रहता है। इसे साफ सुथरा व उपयोग के लायक बनाने पर कोई ध्यान दिया जा रहा है।
टूटे टाइल्स से यात्रियों के गिरने का खतरा
एक ओर जहां पेंटिंग बनाई जा रही हैं वहीं दूसरी ओर क्षतिग्रस्त टाइल्स को बदलने पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ये टूटे टाइल्स स्टेशन को सुंदर बनाने के काम पर ग्रहण लगा रहे हैं। टूटे टाइल्स में पैर उलझने से यात्रियों के गिरने का खतरा बना रहता है। दो दिन पूर्व धमना निवासी वृद्ध कौशल्या बाई का पैर उलझने से वे गिर कर घायल हो गईं थीं।
८० ट्रेनों के स्टापेज
नरसिंहपुर स्टेशन पर अप एंड डाउन दिशा में ८० ट्रेनें रुकती हैं। जिनसे हर दिन बड़ी संख्या में यात्री अपना सफर तय करते हैं। कई बार ट्रेनों के लेट होने की वजह से यात्रियों को काफी देर तक इंतजार करना पड़ता है। कुर्सियां कम होने से यात्री जमीन पर ही बैठ जाते हैं।

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