तुलाई पर्ची में की गड़बड़ी
तुलावटी सैंपल लेने के बाद चना की तुलाई करते हैं। तौल की पर्ची किसान को दी जाती है। पर्ची के आधार पर खरीदी केन्द्र का ऑपरेटर कम्प्यूटर में किसान के नाम से अनाज खरीदी दर्ज करता है। ऐसे ही एक मामले में तुलावटी द्वारा तुलाई करने के बाद चना गोदाम में पहुंच गया। तुलावटी को केन्द्र के सदस्य ने कहा कि तुम्हारे रिकार्ड में अधिक चना खरीदी आ रहा है और तुमने कम चना जमा करवाया है। यह सुन कर तुलावटी के होश उड़ गए और उसने अपनी पर्ची में मौजूद कार्बन कापी से मुख्य पर्ची का मिलान करवाया। इसमें यह बात सामने आई कि मूल पर्ची में छेड़छाड़ कर कम्प्यूटर में किसान के नाम से अधिक खरीदी दर्शाई गई है।
भनक लगते ही खा लिया जहर
पुलिस थाना और एसडीएम से तुलावटियों ने जिस सदस्य पर हेराफेरी का संदेह जाहिर किया था उसने बुधवार दोपहर में जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया। जानकारी के अनुसार सिमरिया गांव निवासी पुष्पेंद्र गुमस्ता (पटैल) ने जहर का सेवन कर लिया था जिसे सरकारी अस्पताल गोटेगांव लाया गया जहां उसका प्राथमिक उपचार करने के बाद तत्काल उसे जबलपुर रैफर कर दिया गया है।
एसडीएम के पास पहुंचे तुलावटी
तुलावटी राजू चांदोरिया अपने सहयोगियों के साथ सबसे पहले अनुविभागीय अधिकारी जीसी डहेरिया के पास और उनको अनाज खरीदी की कार्बन कॉपी और मूल कापी बताई गई। इस पर्ची के अनुसार 27 मई को पिटेहरा गांव निवासी धर्मेन्द ङ्क्षसह ने जिसका किसान कोड क्रमांक 119340670484 है उसने तुलाई केन्द्र पर तीन बोरी अर्थात 1.50 क्विंटल चना की तुलाई करवाई। तुलावटी ने उसको उक्त पर्ची दी। मगर कम्प्यूटर ऑपरेटर ने उक्त पर्ची में हेराफेरी करके मूल पर्ची पर 22 बोरी अर्थात 11.50 क्विंटल चना चढ़ा दिया। वहीं 30 मई को मुआर गांव निवासी किसान मनीराम जिसका किसान कोड 11934 1871118 है उसने नौ बोरी अर्थात 4.50 क्विंटल चना की तुलाई करके पर्ची प्राप्त की। इसकी मूल पर्ची में हेराफेरी करके 36 बोरी अर्थात 18 क्विंटल चना कम्प्यूटर में किसान के नाम से चढ़ा दिया गया। किसान के पंजीयन में उतना चना विक्रय करने का अधिकार प्रदान किया गया था। तुलावटी की बुक की कार्बन कापी और कम्प्यूटर ऑपरेटर के पास मौजूद मूल पर्ची में हेराफेरी का मामला देख कर एसडीएम ने तुलावटियों से पुलिस थाना जाकर एफआईआर दर्ज कराने कहा।