खेतों पर बहुतायत उड़ रही तितलियां, असमंजस में किसान
नरसिंहपुरPublished: Aug 12, 2018 08:38:39 pm
नरसिंहपुर। जिले के विभिन्न इलाकों मे तितलियों के झुंड कौतूहल का विषय बने हुए हैं। खेतों व शहरी क्षेत्रों में आसमान पर बहुतायत में उड़ रही तितलियों की वजह से असमंजस की स्थिति भी बनी हुई है। तितलियों का अधिक संख्या में झुंड के झुंड खेतों पर मंडराने और फसलों के पौधों पर बैठने से अंडे देने की प्रक्रिया को लेकर किसान चिंतित है। बड़ी तादाद में यदि तितलियों के अंडे दे दिए तो केटलपिलर लार्वा फसलों की पत्तियों को अपना भोजन बना डालेगा।
Farmer demonstration in barwani
नरसिंहपुर। जिले के विभिन्न इलाकों मे तितलियों के झुंड कौतूहल का विषय बने हुए हैं। खेतों व शहरी क्षेत्रों में आसमान पर बहुतायत में उड़ रही तितलियों की वजह से असमंजस की स्थिति भी बनी हुई है। तितलियों का उडऩा सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन अधिक संख्या में झुंड के झुंड खेतों पर मंडराने और फसलों के पौधों पर बैठने से अंडे देने की प्रक्रिया को लेकर किसान चिंतित है। बड़ी तादाद में यदि तितलियों के अंडे दे दिए तो केटलपिलर लार्वा फसलों की पत्तियों को अपना भोजन बना डालेगा।
उल्लेखनीय है कि जिले भर में बीते 2-3 दिनों से बहुतायत में तितलियों के झुंड के झुंड आसमान में उड़ते और खेतों में बैठे दिखाई दे रहे हैं। तितलियों के बहुत बड़े झुंड उत्तर दिशा से आकर दक्षिण दिशा की ओर चला जा रहा है। तितलियों के आने की प्रक्रिया सामान्य है, लेकिन इतनी तादाद में आना परेशानी का सबब बन सकता है। वर्तमान में फसलें फूल पर भी है जिससे पराग कण प्राप्त करने खेतों में बैठने के दौरान अंडे देने से विकट स्थिति बन सकती है।
सूत्रों का कहना है कि वर्तमान में बारिश का मौसम होने की वजह से यदि कीट की व्याधि बनी तो दवाईयां डालना कठिन हो जाता है। पौधों पर दवाई डालने के बाद बारिश होने से दवा का असर घट जाता है और कीट का प्रकोप नियंत्रित नहीं हो पाता। तितली यदि लार्वा छोड़ जाती है और इससे उत्पन्न कीट पत्तियों को भोजन बनाएगा तो निश्चित ही उपज प्रभावित होगी।
इस संबंध में उन्नत कृषक करताज निवासी राकेश दुबे ने बताया कि तितलियों का उडऩा सामान्य बात है, लेकिन इनकी संख्या अधिक होना हमारे लिए चिंता का विषय बन सकता है। दुबे ने बताया कि यह लाइम बटरफ्लाई प्रजाति है। यह तितली विंध्याचल पर्वत पर बिल्डिंग के बाद अपने नार्वे को वहीं पालती है और अब जुलाई अगस्त के महीने में दक्षिण के मैदानी क्षेत्रों की तरफ पलायन करती है और मार्च अप्रैल के महीने में यह वापस लौट कर आती है। इतनी संख्या में तितली के झुंड निकलने की स्थिति पहलीबार देखने मिल रही है। अभी नर्मदा के किनारे के कुछ गांव धमना सुपला सहित विभिन्न क्षेत्रों से जानकारी मिल रही है कि इनकी संख्या वहां पर और भी ज्यादा है। तितलियों के झुंड का प्रभाव की स्थिति आगामी सप्ताह या 15 दिनों बाद ही सामने आएगी।
इनका कहना है
तितलियों की जो प्रजाति सामने दिख रही है उससे सोयाबीन, उड़द जैसी फसलों को कोई नुकसान नहीं है। इन तितलियों का लार्वा नीबू जैसे पेड़ों की गद्देदार पत्तियों का सेवन करता है। अभी इनके आने की शुरूआत है ज्यादा संख्या में तितलियों का आने के संबंध में जानकारी जुटाई जाएगी एवं जमीनी अमले से इसके द्वारा नुकसान होने की स्थिति पर नजर रखी जाएगी।
डाक्टर आरएन पटैल
मृदा परीक्षण अधिकारी नरसिंहपुर