जाट समाज ने सौंपा ज्ञापन
केन्द्र सरकार द्वारा संसद में एससी एसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट के संशोधन आदेश को बदलने के निर्णय का जाट समाज ने विरोध किया और भारत बंद का समर्थन करते हुये राज्यपाल एवं राष्ट्रपति के नाम अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपते समय लालसाहब जाट, कित्तू जाट, लोकेश बमरोलिया, नागेन्द्र सिंह टीटू, सुरेश आदि ने कहा कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विपरीत जाकर सामाजिक ताना बाना को नुकसान पहुंचाया है। ज्ञापन में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को यथावत रखने की मांग की गई है।
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सुबह से ही लोग सडक़ों पर उतर आए और बस्ती चौराहे से विरोध प्रदर्शन रैली प्रारंभ हुई, नारे लगाते हुए पावर हाउस, रेलवे फ ाटक, बरमान चौराहा, मुख्य मार्ग होते हुए निरंजन चौक पहुंची जहां विरोध प्रदर्शन करते हुए क्षेत्रीय संघर्ष मोर्चा द्वारा राष्ट्रपति के नाम नायब तहसीलदार करेली को ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन में उल्लेखित किया कि हम सभी सवर्ण पिछड़ा वर्ग के क्षेत्रीय जन एससीएसटी एक्ट का पुरजोर विरोध करते हैं सरकार द्वारा न सिर्फ सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की अवहेलना की गई है बल्कि एससीएसटी एक्ट का अध्यादेश लाकर हम सभी सवर्ण और पिछड़ा वर्ग जनों की भावनाओं को आहत किया गया है। ऐसे काले कानून का हम सब घोर विरोध करते हुए घोर निंदा करते हैं। सरकार से इस ज्ञापन के माध्यम से अनुरोध करते हैं कि अतिशीघ्र इस एससीएसटी एक्ट को वापस लिया जाए। ज्ञापन की प्रतिलिपि सर्वोच्च न्यायालय एवं प्रधानमंत्री भारत सरकार को भी प्रेषित की गई हैं। क्षेत्रीय संघर्ष मोर्चा के संपूर्ण विरोध प्रदर्शन के दौरान जहां पूरा विरोध शांतिपूर्ण रहा और लोगों ने भरपूर सहयोग किया। वहीं धारा 144 के चलते पूरा शहर छावनी में तब्दील रहा और पुलिस व्यवस्था चाक चौबंद रही।
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तेंदूखेड़ा । एट्रोसिटी एक्ट के विरोध तेंदूखेड़ा भी चौतरफ ा बंद रहा। सभी वर्गों के लोगों ने शांति पूर्वक दोपहर 12 बजे तक अपने अपने दुकान प्रतिष्ठान पूर्ण बंद रखे सुबह से ही भारी बारिश के बीच भी लोगों का उत्साह चरम पर था पुराने बस स्टैंड पर लोग जमा हुए जहां से एक रैली तहसील कार्यालय तक निकाली गई। वहां उपस्थित एसडीएम , एसडीओपी को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। इस मौके पर पुलिस बल भी बड़ी संख्या में सुरक्षा की दृष्टि से तैनात रहा। इस दौरान प्राइवेट और सरकारी स्कूल भी बंद रहे।