अक्सर यह समस्या आती है कि यात्रा के दौरान किसी की तबीयत अचानक खराब हो गई। ऐसे में ट्रेन में अगर डॉक्टर की उपलब्धता नहीं है तो अगले स्टेशन के स्टेशन मास्टर को सूचित किया जाता है। फिर वहां डॉक्टर को बुलाया जाता है। ट्रेन जब अगले स्टेशन पर पहुंचती है तब जा कर यात्री को प्राथमिक उपचार मिल पाता है। ऐसे में कभी-कभी अनहोनी भी हो जाती है। कोरोना के संक्रमण के दौरान हाल के दिनो में ऐसे कई मामले सामने आए भी जिनमें यात्रियों की मौत तक हो गई।
ऐसे में अब यात्रा के दौरान किसी यात्री की तबीयत अचानक बिगड़ जाती है या स्टेशन पर अचानक कोई गंभीर रूप से बीमार हो जाता है अथवा सांप वगैर डंस लें तो यात्री को फौरन प्रारंभिक उपचार मिलेगा। इसके लिए स्टेशन स्टॉफ को प्रशिक्षित करने का काम शुरू हुआ है। इसके तहत नरसिंगपुर रेलवे स्टेशन पर बुधवार को रेलवे के डॉक्टर आरआर कुर्रे ने स्टेशन मास्टर, टीसी, इलेक्ट्रिक स्टॉफ व अन्य कर्मचारियों को हर्ट अटैक, चोट लगने, बिजली का करंट लगने, सर्प दंश आदि बीमारियों के प्रारंभिक उपचार के गुर सिखाए। बताया कि ऐसी विपरीत परिस्थिति में कैसे यात्री की जान बचाई जा सकती है। डॉ कुर्रे ने इसके लिए बाकायदा डेमो भी दिया।