अयोध्या राम मंदिर को लेकर शंकराचार्य ने कहा कि राम जन्मभूमि में वास्तु शास्त्र के अनुसार राम मंदिर का निर्माण सनातन धर्मी, संत-महात्माओं सद्गृहस्थों को मिलकर करना चाहिये। यह विषय राजनीति वालों को नहीं। राजनीति से इस मामलों में बाधाएं आती हैं। एक राजनीति वाला कहता है दूसरा विरोध कर देता है। राजनीतिक लोग इसको अपना मुद्दा बना लेते हैं, लेकिन वे इस मुद्दे को पूरा करने की स्थिति में हैं ही नहीं। कोई भी पार्टी मंदिर बनाने की स्थिति में इसलिए नहीं आती क्योंकि संविधान की शपथ लेने के बाद धर्म निरपेक्षता की शपथ ले लेती है। हाइकोर्ट से यह निश्चित हो चुका है जहां पर रामलला विराजमान हैं वह राम जन्मभूमि है। ऐसी स्थिति में अब इसको अदालत में अटकाना बुद्धिमत्ता नहीं होगी। हम चाहेंगे कि इसको प्रारंभ कर दिया जाये। प्रयागराज में हमारी धर्म संसद बैठने वाली है। यदि निश्चित हो गया तो जल्दी अच्छे शुभु मुहुर्त में शिलान्यास करेंगे। प्रयाग के अर्धकुंभ को लेकर कहा कि वे कुंभ में जा रहे हैं। सभी को पुण्य लाभ लेना चाहिये।