नरसिंहपुरPublished: Jan 14, 2020 10:39:00 pm
abishankar nagaich
दीक्षास्थली में नर्मदा महोत्सव में की घोषणा
राम मंदिर को लेकर शंक्राचार्य का बड़ा बयान, इस तरह दिखेगा अद्भुत और विशाल
नरसिंहपुर/ गोटेगांव. आदि शंकराचार्य की दीक्षास्थली में आयोजित नर्मदा महोत्सव को सम्बोधित करते हुये शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती महाराज ने मंगलवार को अयोध्या में भव्य दिव्य मन्दिर के निर्माण की औपचारिक घोषणा की। शंकराचार्य ने कहा कि आज से उत्तरायण आरम्भ हो रहा है अत: आज से हम मन्दिर निर्माण कार्य आरम्भ कर रहे हैं।
शंकराचार्य ने आगे कहा कि शास्त्रों के अनुसार नये मन्दिर का निर्माण तभी किया जाता है जब पहले से उस स्थान पर कोई मन्दिर न हो। जहां पहले से मन्दिर हो पर वह जीर्ण या भग्न हो गया हो तो उसे पुनर्निर्मित किया जाता है जिसे जीर्णोद्धार कहा जाता है।
वास्तुशास्त्र के अनुसार जीर्णोद्धार का आरम्भ करने के पूर्व एक छोटे अस्थायी मन्दिर का निर्माण किया जाता है जिसे बालमन्दिर कहा जाता है। मन्दिर की मूर्तियों को तब तक इसी बालमन्दिर में रखा जाता है जब तक मुख्य मन्दिर बनकर उसके गर्भगृह में मूर्तियों को प्रतिष्ठित नहीं कर दिया जाता।
अत: हम शास्त्रोक्त पद्धति से पहले बाल मन्दिर बनवायेंगे। बालमन्दिर दिव्य चन्दन की लकड़ी से निर्मित किया जायेगा और सोने से मण्डित किया जायेगा। शंकराचार्य ने कहा कि पहली आवश्यकता रामलला के ऊपर से तिरपाल हटाना और उनकी गरिमा के अनुरूप शिखर स्थापित करना है। शकंराचार्य ने कहा कि मन्दिर के निर्माण में सरकार से एक रुपया भी नहीं लिया जायेगा क्योंकि सरकारी पैसे में टैक्स, दण्ड और गौमांस आदि का पैसा भी शामिल है। शंकराचार्य ने कहा कि चारों शंकराचार्यों, पांच वैष्णवाचार्यों तथा तेरह अखाड़ों द्वारा अयोध्या की श्रीरामजन्मभूमि में मन्दिर निर्माण हेतु विधिसम्मत रामालय न्यास पंजीकृत है। केन्द्र सरकार निश्चित रूप से रामालय न्यास को यह अवसर देगा।