scriptcanal : नहर सुधार में जेब से रुपये लगाने का दावा कर रहीं संस्थाएं | rani avanti bai canal repairing | Patrika News

canal : नहर सुधार में जेब से रुपये लगाने का दावा कर रहीं संस्थाएं

locationनरसिंहपुरPublished: Jul 07, 2018 11:38:23 pm

रानी अवंती बाई परियोजना में अनियमितता, चार करोड़ की राशि के भुगतान के लिए दौड़ रही फाइलें

rani avanti bai canal repairing

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नरसिंहपुर। रानी अवंतीबाई लोधी सागर परियोजना नरसिंहपुर में बिना काम के ही करीब 4 करोड़ के भुगतान के प्रयास का मामला सुर्खियों में है। खबर है कि जिन 17 संस्थाओं को यह रकम दी जा रही है, इनमें कई संस्थाएं रसूखदारों से जुड़ी हुई हैं। शिकायतकर्ताओं ने इन्हें उपकृत किए जाने के प्रयास के आरोप लगाए हैं। कलेक्टर ने इस पर जांच का भरोसा भी शिकायकर्ता पक्ष को दिलाया है।
जानकार सूत्रों के अनुसार रानी अवंतीबाई लोधी सागर परियोजना नरसिंहपुर में बिना काम के ही करीब 4 करोड़ के भुगतान के लिए विभाग में जो फाइलें चल रही हैं। उनमें कार्यपालन यंत्री ने अधीक्षण यंत्री को जो पत्र लिखा है उसमें कहा गया है कि संभाग के अंतर्गत जल उपभोक्ता संस्था द्वारा कमांड क्षेत्र में वाटर कोर्स एवं फील्ड चैनल के निर्माण के लिए निर्धारित लक्ष्य 4215 हेक्टेयर का निर्माण शत प्रतिशत बजट आवंटन की प्रत्याशा में पूरा किया जा चुका है। संभाग को निर्धारित वित्तीय लक्ष्य 1106.943 लाख के विरुद्ध 600.00 लाख का आवंटन प्राप्त हुआ है। शेष बजट आवंटन हेतु समीक्षा बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा आश्वासन दिया गया था, लेकिन शेष आवंटन संभाग को प्राप्त नहीं हुआ है। वर्तमान में 1493.675 हेक्टेयर में निर्मित वाटर कोर्स और फील्ड चैनल निर्माण हेतु 371. 36 लाख का भुगतान किया जाना शेष है। पत्र में कार्यपालन यंत्री ने कहा है कि संभाग के अंतर्गत जल उपभोक्ता संस्था द्वारा पूरे 1493.75 क्षेत्र में वाटर कोर्स और निर्माण के कार्य हेतु 371.36 लाख की राशि जारी करने की कार्रवाई की जाए।

कब और कैसे कराए काम
कार्यपालन यंत्री का यही पत्र विभाग के भीतर चर्चा का विषय बना हुआ है। कलेक्टर से की गई शिकायत में यही कहा गया है कि संथाओं ने बिना राशि मिले अपनी जेब से करीब 4 करोड़ के काम कब और कैसे कराए। इस बात की गहन जांच होनी चाहिए। शिकायतकर्ताओं ने इस मामले को आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो भी देने की बात कही है। कलेक्टर ने जांच की बात कही है।
सूत्रों की मानें तो भंग हो चुकी संथाओं को पुनर्जीवित करने या उनका कार्यकाल बढ़ाने का भी प्रयास किया जा रहा है, ताकि राजनीतिक रूप से अपने आकाओं से जुड़े इन संथा के लोगों का इस चुनाव में आर्थिक और राजनीतिक रूप से उपयोग किया जा सके। बिना काम के करीब 4 करोड़ के भुगतान में आर्थिक लाभ के लिए जहां अधिकारी प्रयासरत हैं। वहीं भोपाल स्तर पर बड़े नेता भी लगे हुए हैं। पत्रिका को प्राप्त जानकारी के अनुसार जिन जल उपभोक्ता संथाओं को बिना काम के लिए भुगतान के बिल तैयार किए गए हैं। उनमें खुरपा को 24,26,076 बौछार को 16,72,875 करकबेल को 23,70,560 मचवारा का े22,92,075 कुटरी को 6,67,710 इमलिया को 13,03,644 बेटू को 12,02,500 ठेमी को 16,39,205 नरसिंहपुर को 39,06,130 गोबरगांव को 53,84,083 लाख के भुगतान की अनुशंसा की गई है। इन संथाओं सहित कुल 17 संथाओं को बिना काम के भुगतान के लिए विभाग में फाइलें चल रही हैं।
इनका कहना है
इस मामले की जांच कराई जाएगी, जांच में यदि यह पाया गया कि मौके पर कोई काम नहीं कराया गया है और बिना काम के ही संथाओं को भुगतान कराने का प्रयास किया जा रहा है तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
अभय वर्मा, कलेक्टर
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