scriptसमर्थन मूल्य पर धान, ज्वार-बाजरा की बिक्री को रजिस्ट्रेशन बंद, कई किसानों ने जताई आपत्ति | Registration closed for sale of paddy jowar millet on support price farmers raised objection | Patrika News

समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार-बाजरा की बिक्री को रजिस्ट्रेशन बंद, कई किसानों ने जताई आपत्ति

locationनरसिंहपुरPublished: Oct 17, 2021 01:49:13 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-किसानों का आरोप सर्वर की खराबी से नहीं हो सका रजिस्ट्रेश, बढ़ाई जाय तिथि-प्रशासन का जवाब निर्धारित समय तक चला रजिस्ट्रेशन

समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार-बाजरा की बिक्री को रजिस्ट्रेशन बंद

समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार-बाजरा की बिक्री को रजिस्ट्रेशन बंद

नरसिंहपुर. समर्थन मूल्य पर धान व ज्वार-बाजरा की बिक्री के लिए किसानों का रजिस्ट्रेशन बंद हो गया है। इस बीच किसानों का आरोप है कि रजिस्ट्रेशन के लिए पहले 15 अक्टूबर का वक्त दिया गया था, लेकिन सर्वर पर 14 अक्टूबर की सुबह से ही बाधित रहा। इसके चलते कई किसान रजिस्ट्रेशन कराने से वंचित रह गए। हालांकि प्रशासन ने किसानों की आपत्ति को सिरे से खारिज कर दिया है।
बता दें कि महीने भर तक रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया जारी रहने क बाद रजिस्ट्रेशन बंद होने से किसानों में निराशा है। उनका कहना है कि वो सर्वर की खराबी से रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाए। खास तौर पर चीचली-छैनाकछार केंद्र से जुड़े किसानों का आरोप है कि सर्वर के ठीक न चलने के चलते बार-बार प्रयास करने के बाद भी उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका। वो कह रहे हैं कि 14 अक्टूबर को भी लगभग पूरे दिन सर्वर डाउन ही रहा। इन किसानों ने शासन-प्रशासन से रजिस्ट्रेशन तिथि बढ़ाने की मांग की है। लेकिन वहीं जिला आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने सर्वर डाउन होने की शिकायत को सिरे से खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि 14 अक्टूबर की रात 12 बजते ही सर्वर बंद हुआ।
इस साल धान और ज्वार-बाजरे की समर्थन मूल्य पर बिक्री के लिए जिले की सभी छह तहसीलों से 21069 किसानों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है। बता दें कि गाडरवारा, सांईखेड़ा और गोटेगांव तहसील क्षेत्र में धान का रकबा सर्वाधिक है। ऐसे में इन तीनों ही तहसीलों से सबसे ज्यादा रजिस्ट्रेशन हुए हैं। उधर करेली और तेंदूखेड़ा क्षेत्र से सबसे कम किसानों का रजिस्ट्रेशन हुआ है।
बता दें कि जिले में धान के अलावा ज्वार का रकबा भी लगभग 20-22 हजार हेक्टेयर है लेकिन रजिस्ट्रेशन के आंकड़े बताते हैं कि समर्थन मूल्य पर उपज बेंचने में ज्वार उत्पादक किसानों ने रूचि नहीं दिखाई है। यही वजह है कि ज्वार किसानों का रजिस्ट्रेशन महज 158 तक ही सिमट गया। वहीं बाजरा के लिए रजिस्ट्रेशन के आंकड़ों पर नजर डालें तो इसकी संख्या नगणय ही है। बाजरा की बिक्री के लिए केवल करेली तहसील के एक किसानों ने ही रजिस्ट्रेशन कराया है।
वैसे बताया जा रहा है कि जिले की मंडियो के साथ ही फुटकर बाजार में बाजरा की मांग अधिक रहती है जिसके सापेक्ष बाजरा की खेती का रकबा सीमित है। ज्वार की स्थिति भी यही है, मोटे अनाज में शामिल ज्वार का उत्पादन पूर्व वर्षो के मुकाबले काफी घटने से स्थानीय बाजारो और मंडियो में ही ज्वार को अच्छे दाम मिल जाते है।
तहसीलवार रजिस्ट्रेशन की स्थिति

-गाडरवारा तहसील- 10374
-गोटेगांव तहसील- 4556
-सांईखेड़ा-4012
-नरसिंहपुर- 1115
-करेली- 760
-तेंदूखेड़ा- 252

“रजिस्ट्रेशन सर्वर 14 अक्टूबर की रात 12 बजे बंद हुआ। इससे पूर्व सर्वर में कोई गड़बड़ी नहीं हुई। रजिस्ट्रेशन तिथि बढ़ने के संबंध में फिलहाल शासन से कोई आदेश नहीं है। पिछले साल से इस बार पंजीयन ज्यादा है।”-राजीव शर्मा, जिला आपूर्ति अधिकारी
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो