scriptहोशंगाबाद में रेत खदान की स्वीकृति, नरसिंहपुर में चल रहा था अवैध उत्खनन | sand mine sanctioned in Hoshangabad, illegal mining in Narsinghpur | Patrika News

होशंगाबाद में रेत खदान की स्वीकृति, नरसिंहपुर में चल रहा था अवैध उत्खनन

locationनरसिंहपुरPublished: Jan 20, 2019 07:42:35 pm

Submitted by:

abishankar nagaich

विधायक की शिकायत पर कलेक्टर, एसपी पहुंचे संसारखेड़ा अवैध रेत खदान, अवैध उत्खनन और रेत का स्टॉक देख रह गए हतप्रभ, मौके से जब्त हुई मशीन, स्टॉक की जांच करने कलेक्टर ने दिए आदेश

illegal sand mining

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नरसिंहपुर/सालीचौका. पड़ोसी जिले होशंगाबाद के बेदर से होकर गुजरी दूधी नदी के तट पर रेत खदान की स्वीकृति शासन ने प्रदान की थी। वहां से रेत उत्खनन करने की बजाय नरसिंहपुर जिले की नगर पंचायत साईखेड़ा से सटे महेश्वर गांव में नदी का सीना छलनी कर दिया गया। संसारखेड़ा रेत खदान में ठेकेदार ने नियम-कायदों को ताक पर रखकर जिले की सीमा में नदी के किनारे करीब ४ किलोमीटर तक जमकर अवैध उत्खनन किया और शासन को करोड़ों के राजस्व का चूना लगाया। इसका खुलासा रविवार को अवैध रेत खदान की जांच करने पहुंचे कलेक्टर दीपक सक्सेना व एसपी डीएस भदौरिया ने किया। अधिकारी यहां गाडरवारा विधायक सुनीता जायसवाल की शिकायत पर पहुंचे थे। मौके पर अवैध उत्खनन और रेत का भंडारण देख अफसर भी हतप्रभ रह गए। कलेक्टर ने एसडीएम सोनम जैन को मौके पर खड़ी पोकलैंड मशीन जब्त करने के लिए कहा और रेत के स्टॉक की जांच करने के निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि जिले में रेत माफियाओं की करतूतों की परतें लगातार खुलती जा रही है। सरकार बदलने के बाद हरकत में आए अफसर भी रेत के अवैध कारोबार व उत्खनन का लंबा-चौड़ा काम देखकर हतप्रभ है।

हजारों ट्रक रेत का किया भंडारण
अवैध उत्खनन करने के अलावा रेत माफियाओं ने प्रशासन की आंखों में धूल झूकने के लिए नरसिंहपुर जिले में अवैध खदान के पास ही रेत के भंडारण की अनुमति ले रखी है। जांच में यहां हजारों डंपर रेत पाई गई है, लेकिन भंडारण की स्वीकृति होने के कारण अब इस स्टॉक की रेत को जब्त करने की कार्रवाई करने में भी अफसर कतरा रहे हैं। एसडीएम सोनम जैन ने बताया कि स्टॉक की स्वीकृति है फिर भी इसकी जांच की जाएगी।

वर्षों से चल रहा था उत्खनन
बताया जा रहा है कि इस अवैध खदान में बेदर के नाम पर वर्षों से रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा था। हजारों डंपर रेत का स्टॉक मौके पर करके रेत बेची जा रही थी। खदान में अवैध उत्खनन का खुलासा होने के बाद माइनिंग विभाग के स्थानीय अफसर भी जांच के घेरे में आ गए है वहीं राजस्व व पुलिस विभाग की भूमिका भी संदिग्ध हो गई है।

तबाह कर दिए खेत और सड़क
वर्षों से चल रही इस अवैध रेत खदान ने कई किसानों के खेत और गांवों की सड़कें तबाह कर दी। ग्रामीणों ने बताया कि कई किसानों के खेत रेत के कारण बंजर में तब्दील हो गए। गांवों की सड़कों के परचख्खे उड़ गए हैं। सड़क किनारे मकानों में रहने वाले लोग हादसों से आशंकित रहते हैं। समस्याओं से जूझ रहे किसानों ने जब विधायक पटैल को समस्या बतलाई तो वे गत दिवस खुद ही मौके पर पहुंची और जांच की। एक डंपर भी जब्त करवा दिया और प्रशासन से कार्रवाई करने की मांग की। इसके बाद अफसर हरकत में आए।

इनका कहना
होशंगाबाद जिले के बेदर में रेत खदान स्वीकृत की गई थी, लेकिन रेत ठेकेदार ने हमारे जिले में रेत का अवैध उत्खनन किया है। १ से डेढ़ किलोमीटर क्षेत्र में अवैध उत्खनन मैने खुद घूमकर देखा है। करीब ४ किलोमीटर एरिया में अवैध उत्खनन हुआ है। मौके से एक मशीन जब्त की गई है। हजारों डंपर रेत का स्टॉक भी पाया गया है, जिसकी जांच की जा रही है।
दीपक सक्सेना, कलेक्टर
पूर्व सरकार व जनप्रतिनिधियों के सरंक्षण में वर्षों से रेत की अवैध खदान का संचालन किया जा रहा था। ग्रामीणों की शिकायत पर मैने खुद जाकर देखा और अफसरों को कार्रवाई करने के लिए कहा। करीब ४ किलोमीटर हमारे क्षेत्र में अवैध उत्खनन किया गया है। गांव की सड़कें तबाह कर दी गई और खेतों को बंजर कर दिया गया है। मेरे विधानसभा क्षेत्र में सभी स्वीकृत खदानों की नापजोख की मैने मांग की है।
सुनीता पटैल, विधायक, गाडरवारा

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