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1.15 करोड़ से गुड्स यार्ड की बदलेगी तस्वीर, व्यापारियों को मिलेगा लाभ

locationनरसिंहपुरPublished: Nov 08, 2022 11:44:16 pm

Submitted by:

Sanjay Tiwari

लाखों टन खाद्यान्न और खाद की रैक को सुरक्षित करने की मिलेगी सुविधा

1.15 करोड़ से गुड्स यार्ड की बदलेगी तस्वीर, व्यापारियों को मिलेगा लाभ
1.15 करोड़ से गुड्स यार्ड की बदलेगी तस्वीर, व्यापारियों को मिलेगा लाभ

नरसिंहपुर. रेलवे स्टेशन के गुड्स यार्ड की तस्वीर अब बदलने वाली है। यहां खाद्यान्न और खाद की बोरियों को सुरक्षित रखने व लोडिंग अनलोडिंग की सुविधाओं में इजाफा होगा। इसके लिए रेलवे नरसिंहपुर की ओर से 1 करोड़ 15 लाख की योजना को डीआरएम के पास भेजा गया है। जिसमें कुछ राशियों की स्वीकृति भी प्रदान की गई है। जिसके बाद अब रेलवे की ओर से टेंडर प्रक्रिया करते हुए यार्ड के कायाकल्प की तैयारी की जाएगी। रेलवे गुड्स यार्ड के बनने से यहां से बाहर बाहर भेजे जाने वाले गुड़ मोलासिस और खाद्यान्न के साथ कृषि के लिए आने वाले लाखों मीट्रिक टन खाद-बीज को सुरक्षित स्थल मिल सकेगा। बारिश में खाद्यान्न की बोरियों को भीगने से बचाया जा सकेगा। बताया जाता है कि यहां गुड्स यार्ड के रुप में दो साइडिंग ट्रैक सुरक्षित रखे गए हैं, इनमें एक पुरानी और दूसरी नई है। प्रस्तावित योजना के तहत प्लेटफार्म ट्रैक, 400 मीटर लम्बी प्लेटफार्म में से 300 मीटर लम्बी और 20 मीटर चौड़ाई का प्लेटफार्म व चबूतरा बनाया जाएगा। भंडारण के लिए शेड लगाई जाएगी। गौरतलब है कि अभी तक यहां गुड्स यार्ड के लिए न तो प्लेटफार्म का निर्माण कराया गया है और न ही भंडारण के लिए शेड की सुविधाएं प्रदान की गई हैं। खुले आसमान के नीचे लोडिंग और अनलोडिंग की जाती है।
लाखों टन मक्का, धान, चावल, गुड़ भेजा जाता है बाहर
जानकारी के अनुसार यहां से लाखों टन मक्का, धान, चावल, गेहूं और गुड़ पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश, उड़ीसा, गुजरात सहित आसपास के राज्यों में भेजा जाता है। यहां लाखों टन खाद की आवक भी होती है। पिछले वर्ष नरसिंहपुर रेलवे स्टेशन गुड्स यार्ड से 36 रैक की आवाजाही हुई थी। इस वर्ष अब तक 14 रैक की आवाजाही हो चुकी है। गुड्स यार्ड पर दिनोंदिन परिवहन के बढ़ते दवाब को देखते हुए ही पूर्व की पुरानी ट्रैक के साथ एक नई ट्रैक साइडिंग भी बनाई गई है।
सीमेंट की रैक की बन सकती है गुजाईंश
जिले में सीमेंट का मालगाड़ी से परिवहन नहीं हो रहा है। परिवहन की सुविधा नहीं होने के साथ लोडिंग और अनलोडिंग करने वाले मजदूरों की भी कमी है। इसके अलावा भंडारण की सुरक्षित व्यवस्था नहीं होने के कारण निवेशक भी मौसमी मार से बचने इससे बच रहे हैं। लेकिन रेलवे गुड्स यार्ड पर सुविधाओं का विस्तार होता है तो सीमेंट की रैक की भी गंजाइश बन सकती है।
वरिष्ठ अधिकारियों के निरीक्षण के उपरांत गुड्स यार्ड के निर्माण के लिए प्रस्ताव भेजे गए थे, जिस पर स्वीकृति मिल गई है। जल्द ही टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर काम चालू कराया जाएगा।
पीके स्वामी, एसएम नरसिंहपुर

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