शासकीय माध्यमिक शाला बेंदू की दहलान में फसल को सुखाने का कार्य ही नहीं किया जा रहा है अपितु उस प्रांगण में किसान ने डेरा डाल कर गर्मी से बचने के लिए क ूलर ला कर रख लिया है । और उसको स्कूल भवन की लाईन से संचालित कर रहा है। रात को प्रकाश व्यवस्था के लिए एक हेलोजन भी दहलान में लटका ली है। बेदू स्कूल में मौजूद हालात से ऐसा नजर आ रहा है कि यहां पर कई दिनों से किसान ने अपना डेरा जमा कर रखा है। इस प्रांगण के अंदर फसल को साफ करने के लिए एक मशीन को भी रख कर उसका उपयोग किया जा रहा है। यह सारा कार्य स्कूल की बिजली सप्लाई से हो रहा है इसको देखने के लिए कोई नहीं आने से उसके हौसले बुलंद हैं उसने प्राथमिक शाला भवन के प्रांगण में भी अपनी फसल सूखने के लिए बिछा दी है।
अन्य स्थल के सरकारी स्कूल के प्रांगण को आस पास के रहवासी उपयोग करते हैं मगर वह सुबह फसल को सूखने डालते हैं और शाम को उठा कर ले जाते हंै मगर बेदू स्कूल का नजारा अन्य स्कूलों की तुलना में हट कर देखने को मिल रहा है।
शराब की बोतलें मिलीं
सरकारी स्कूल भवनों की बाउंड्रीवाल नहीं होने के कारण गांव के शराबी लोगों का कई जगह पर शाम के समय डेरा जम जाता है । शाला प्रांगण को मयखाना बनाने के बाद उपयोग में की गई सामग्री को शाला के प्रांगण में ही छोड़ कर भाग जाते हैं जिसके कारण अधिकांश स्कूलों के प्रांगण में शराब पीने में उपयोग की गई सामग्री बिखरी हुई पड़ी है । जब स्कूल खुलेंगे और छोटे छोटे बच्चे स्कूल में प्रवेश करेंगे तब बिखरे सामान को देख कर उनकी मानसिकता पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।