नरसिंहपुरPublished: Jan 31, 2019 11:53:48 am
ajay khare
टोकन मिलने के बाद भी धान बेचने से वंचित कई किसान पोर्टल नहीं खुलने से परेशान अन्नदाता
paddy
सालीचौका-गाडरवारा। तहसील के अधिकतर धान खरीदी केंद्रों में शासन द्वारा निर्धारित 19 जनवरी आखिरी तारीख तय की गई थी। जिसके चलते खरीदी केंद्रों में किसानों की धान अधिक होने के कारण सोसायटी केंद्रों ने कुछ किसानों को टोकन दे दिए थे। जिससे यह माना जाए कि उन्होंने 19 जनवरी को ही खरीदी केंद्र पर अपना माल रखे हुए थे। लेकिन शासन प्रशासन की लचर कार्यप्रणाली के चलते ऐसे कुछ किसान छूट गए हैं। जिनको 19 जनवरी को ही टोकन खरीदी केंद्र द्वारा दे दिए गए थे। उन किसानों की यह समस्या बनी हुई है, तहसील भर में ऐसे सैकड़ों किसान होंगे।
धान तुलाई के बाद भी परेशान अन्नदाता की परेशानियों का सिलसिला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। गाडरवारा तहसील के अनेक धान खरीदी केंद्रों पर 19 जनवरी को धान खरीदी की अंतिम तारीख होने के कारण कई किसान धान बेचने से वंचित रह गए। खरीदी केंद्रों पर 19 जनवरी को किसानों की अधिक भीड़ होने के कारण सभी किसानों की तौल कर पाना संभव नहीं था। जिससे अंतिम क्षणों में किसानों को अनुमानित टोकन काटे गए। जिससे कुछ किसानों की तौल भीड़ अधिक होने के कारण बाद में भी नहीं हो पाई है। साथ ही किसानों के टोकन के उपरांत खरीदी रसीद नहीं कट पाई है। जिससे किसान परेशान हैं। बानगी के लिए गाडरवारा तहसील के अंतर्गत सेवा सहकारी समिति बाबई कला में पांच किसानों के टोकन की रसीद शेष हैं। वही सहावन में एक किसान, मारेगांव में चार किसान, बसुरिया में दो किसान, रहमा में तीन किसान, अमाड़ा में एक किसान, पचामा में एक किसान को खरीदी रसीद काटना शेष है। यही स्थिति नरसिंहपुर जिले के अन्य खरीदी केंद्रों की भी है। समिति बाबई कला के खरीदी प्रभारी राजीव दुबे ने बताया कि 19 जनवरी को सर्वर बहुत धीमे थे एवं बार बार सर्वर डाउन हो रहे थे। जिससे टोकन एवं रसीद काटना मुश्किल था। वहीं केंद्र पर लगभग 19 तारीख को 45-50 किसान अपनी उपज धान लेकर ट्रेक्टर ट्राली से आए थे। जिनकी तौल एक दिन में करवाना संभव नहीं था। जिससे किसानों के टोकन काटे गए। सरकार द्वारा जिले को छोड़कर अन्य जिलों की खरीदी 15 से बढ़ाकर 26 जनवरी तक हो गई। लेकिन नरसिंहपुर जिले की खरीदी केंद्र नरसिंहपुर जिले की खरीदी केंद्रों के लिए मात्र चार दिन बढ़ाए गए। हर वर्ष की तरह खरीद केंद्र बंद होने के बाद पोर्टल एक या दो दिन बाद एक घंटे के लिए खुलते थे जो किसान की रसीद काटने के लिए खोल दिए जाते थे। लेकिन इस बार 19 जनवरी के बाद पोर्टल नहीं खोला गया। यदि सरकार द्वारा पोर्टल नहीं खुलवाया गया तो कई किसान अपनी धान वापस ले जाने पर मजबूर हो जाएंगे। गौरतलब रहे कि किसानों को टोकन देने के बाद धान तो तौल कर खरीद केंद्रों पर रखवा ली गई है। लेकिन पोर्टल न खुलने से किसानों को रसीद नहीं मिल रही। इससे जहां उनकी धान खरीदी अधर में लटकी है। वहीं दूसरी ओर किसानों की खुले आसमान के नीचे रखी धान यदि खराब होती है तो जिम्मेदार कौन होगा। इस समस्या को देखते हुए क्षेत्र के किसानों ने शासन प्रशासन से एवं क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से अपील की है कि पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी एक घंटे के लिए पोर्टल खुलवाया जाए जिससे शेष किसानों की रसीद कट सके।
जानकारी के अनुसार बाबई कलां केंद्र पर पांच किसानों की 270 क्विंटल, सहावन केंद्र पर 250 क्विंटल ऐसे ही जिले भर में हजारों क्विंटल धान खरीदी केंद्रों पर शेष है।