नरसिंहपुरPublished: Aug 11, 2022 11:50:58 pm
Sanjay Tiwari
हर घर तिरंगा अभियान : काम मिलने से स्वसहायता समूहों को मिली संजीवनी
तिरंगा तैयार करने दिन-रात जुटीं महिलाएं, 75 फीसदी हुआ काम
नरसिंहपुर. हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने के लिए जिले के महिला स्व सहायता समूहों की महिलाएं अपनी ताकत झोंक रही हैं। वे रात दिन झंडे बनाने में लगी हैं। तिरंगा अभियान में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े स्व सहायता समूहों को घर बैठे काम मिल गया है। इससे जहां उनकी आर्थिक स्थिति सुधरेगी वहीं दूसरी ओर लोगों को समय पर झंडे भी उपलब्ध हो सकेंगे। आजीविका मिशन के अंतर्गत समूहों को एक लाख से ज्यादा झंंडे बनाने का ऑर्डर मिला है जिनमें से अभी तक 87000 से ज्यादा झंडे बन चुके हैं और 75 हजार से ज्यादा झंडे संबंधित संस्थाओं को उपलब्ध भी करा दिए गए हैं।
जानकारी के अनुसार एक झंडा बनाने में कपड़ा और सिलाई को जोडकऱ 22 रुपए का खर्च आ रहा है जिसका विक्रय मूल्य 25 रुपए रखा गया है। समूहों को एक झंडे पर सिर्फ 3 रुपए का ही मुनाफा मिल रहा है । डिमांड के अनुरूप यदि बनाए गए झंडों का खर्चा और उनका लाभांश जोड़ा जाए तो यह काफी संतोषजनक है। समूहों को 114770 झंडे बनाने का ऑर्डर मिला है। इन्हें तैयार करने में 25 लाख 24 हजार 490 रुपए का खर्च आएगा। 25 रुपए प्रति झंडे की दर से बेचने पर समूहों को 2869250 रुपए का भुगतान मिलेगा। इस तरह कुल ऑर्डर की सप्लाई और भुगतान मिलने पर उन्हें 344760 रुपए का मुनाफा मिलेगा।
जिले में हर दिन तिरंगा रैली निकाली जा रही है जिसमें समूहों द्वारा बनाए गए झंडे प्रदान किए जा रहे हैं। समय पर झंडे तैयार करने के लिए समूह दिन रात काम कर रहे हैं। गोटेगांव गाड़ा घाट, सिंहपुर, करेली करताज के समूहों की सदस्य महिलाओं ने बताया कि उनकी सिलाई मशीनें नहीं रुक रहीं। काम में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। जिले में 7 हजार से ज्यादा समूह हैं जिनसे 72 हजार से ज्यादा महिलाएं जुड़ी हुई हैं। इनमें से करीब 15 समूह झंडे बनाने में लगे हैं।