नरसिंहपुरPublished: Sep 23, 2022 11:45:16 pm
Sanjay Tiwari
शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का समाराधना कार्यक्रम
देश भर से आए साधु-संत, भू-समाधि पर अर्पित किए श्रद्धासुमन
नरसिंहपुर/ गोटेगांव. झोंतेश्वर स्थित शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की तपोस्थली परमहंसी गंगा आश्रम में शुक्रवार को उनका समाराधना कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें देश भर से उनके अनुयायी, साधु संत व सनातनधर्मी शामिल हुए। प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीडी शर्मा, प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, छग के मंत्री रवींद्र चौबे सहित कई अन्य राजनीतिक हस्तियां श्रद्धासुमन अर्पित करने पहुंची। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों के शामिल होने के अनुमान के तहत व्यापक इंतजाम किए थे।
श्रीराम मंदिर निर्माण और गौरक्षा जैसे विषयों पर हमेशा देश को जगाने का काम किया-सीएम शिवराज सिंह ने ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद त्रिपुर सुंदरी मंदिर में पूजन अर्चन किया। श्रद्धांजलि सभा में उन्होंने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि शंकराचार्य ने समान नागरिक संहिता, अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर का निर्माण और गौरक्षा जैसे विषयों पर हमेशा देश को जगाने का काम किया।
उन्होंने उनके चरणों में प्रणाम करते हुए कहा कि उनके चेहरे का तेज, उनकी वाणी का ओज उनके ब्रह्मलीन होने के बाद भी सदैव दिखाई देता है। चौहान ने कहा कि स्वामीजी ने झारखंड में विश्व कल्याण आश्रम हो या अलग- अलग राज्यों में जनजातियों के कल्याण के लिए काम किया। चिकित्सालय, विद्यालय, संस्कृत पाठशाला सहित अनेक सेवा के कामों का भी सदैव उन्होंने संचालन किया।
सीएम ने द्वारका- शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती एवं बद्रिकाश्रम ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को माला पहनाकर वस्त्र पट्टिका ओढ़ाई। वहां पर मौजूद प्रमुख संतों का पुष्पमाला व शाल से अभिनंदन किया। मंच पर संत महात्माओं के साथ नेताओं की उपस्थिति रही।
शंकराचार्य की वसीयत का पाठन किया
ब्रह्मलीन शंकराचार्य के निज सचिव ब्रह्मलीन सुबुद्धानंद ने मंच से सभी की उपस्थिति में उनकी वसीयत का सार्वजनिक रूप से वाचन किया। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने 92 वर्ष की आयु में जो अपना इच्छा पत्र यानी वसीयत नियमानुसार स्टाम्प पेपर पर तैयार कराई थी उसे सार्वजनिक रूप से पढ़ कर सुनाया गया। जिसमें उनके उत्तराधिकारी के नाम के साथ विभिन्न आश्रमों के संचालन की कौन जिम्मेदारी निभाएगा उसका पूरा खुलासा किया गया।
साधु-संतों का जमावड़ा
समाराधना के लिए देशभर से साधु-संत यहां पहुंचे। इनमें जूना अखाड़ा के सचिव हरिगिरी महाराज, अग्नि अखाड़ा के सभापति मुक्तानंद महाराज व सचिव प्रमुख रहे। वहीं, देश के विभिन्न हिस्सो से ब्रह्मलीन शंकराचार्य के हजारों की संख्या में अनुयायी व भक्त शामिल हुए। कार्यक्रम स्थल पर 50 हजार लोगों के लिए व्यवस्था की गई थी। लोगों ने प्रसादी भी ग्रहण की।
150 दण्डी स्वामी पहुंचे
समाराधना कार्यक्रम में जहां भारी संख्या में संत महात्मा प्रमुख रूप से पहुंचे वहीं 150 दण्डी स्वामी पहुुंचे। वहीं विभिन्न अखाड़ों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
यह नेता भी आए
केन्द्रीय मंत्री फग्गनङ्क्षसह कुलस्ते, केन्द्रीय राज्यमंत्री प्रहलादसिंह पटेल, सांसद कैलाश सोनी, पूर्व मंत्री पवन बंसल, विधायक संजय यादव आदि मौजूद रहे।
श्रद्धांजलि सभा में यह कहा नेताओं ने
1981 से सानिध्य मिला
अपने गुरु का सानिध्य मिलने का सौभाग्य 1981 से मिला उनके चरणों में नमन करते हुए सनातन धर्म के प्रति प्रतिबद्धता प्रकट करते हंै और संकल्प लेते हंै कि वह दोनों शंकराचार्य के प्रति समर्पित रहेंगे।
दिग्विजयसिंह, पूर्व मुख्यमंत्री
श्रद्धासुमन अर्पित करने आया
मैं ब्रह्मलीन शंकराचार्य को श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए आया हूं वहीं दो- दो पीठ के मौजूदा शंकराचार्य से आशीर्वाद प्राप्त करने भी आया हूं।
नरोत्तम मिश्रा गृह मंत्री
शंकर के अवतार थे
ब्रह्मलीन शंकराचार्य शंकर के अवतार थे उनका छत्तीसगढ़वासियों को सदा आर्शीवाद मिलता रहा है ।देवलोक से भी उनका आर्शीवाद सदा मिलता रहेगा। मुख्यमंत्री भूपेंद्र बघेल ने अपना संदेश पहुंचाया है। जिसमें विनम श्रद्धाजंलि अर्पित की गई है।
रवींन्द्र चौबे मंत्री छत्तीसगढ़
अद्भुत व्यक्तित्व थे
शंकराचार्य सदा राष्ट्रीय धर्म और हित की बात करते थे। उनके व्यक्तित्व को याद करता हूं तो व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं वे ऐसे धनवान थे। उनके चरणों में बैठ कर आर्शीवाद लेते थे अब उनकी चरण पादुकाओं की आराधना करूंगा।
सुरेश पचौरी पूर्व मंत्री