नरसिंहपुरPublished: Aug 21, 2018 06:19:43 pm
ajay khare
डमरूघाटी के अलावा सालीचौका शिव मंदिर में उमड़ते हैं श्रद्धालुपोड़ार तिराहे शिव मंदिर में लगा आस्था का मेला
shiva
गाडरवारा-सालीचौका। तहसील में दो सरकारी अधिकारियों द्वारा रखी गई मंदिरों की नीव आज ऐतिहासिक धरोहरों का रूप ले रही है। चाहे सालीचौका पोड़ार तिराहा का शिव मंदिर हो या गाडरवारा का डमरूघाटी मंदिर। दोनों गाडरवारा विधानसभा के लिए दो बड़े धार्मिक स्थानों के रूप में उभर चुके हैं। जहां डमरूघाटी का निर्माण 90 के दशक में तत्कालीन डीएसपी भगवान सिंह परिहार ने कराया। वहीं सालीचौका तिराहे का मंदिर भी नलकूप विभाग के तत्कालीन इंजीनियर एसके जैन के सपने का साकार रूप है।
क्षेत्र के प्रसिद्ध शिव मंदिर पोड़ार तिराहे पर आखिरी सावन सोमवार को पूजन अर्चन के लिए सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा। यहां मंदिर प्रांगण में लगे मेले में भी लोगों ने जमकर खरीदी की। गौरतलब रहे 1995 में यहां पर कार्यरत नलकूप विभाग के तत्कालीन इंजीनियर एसके जैन ने इस मंदिर की आधारशिला रखी थी। धीरे धीरे जनसहयोग से इस मंदिर ने एक ट्रस्ट का रूप धारण कर लिया है। अब हर धार्मिक आयोजन यहां पर बड़ी धूमधाम से होते हैं। सावन सोमवार और महा शिवरात्रि में यहां पर विशेष पूजन अर्चन होती है। इस शिव मंदिर में शिवजी की मनमोहक प्रतिमा को देखने लोग दूर दूर से आते हैं। मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेंद्र पटेल, अशोक सिलोकिया, संतोष पटैल, रामकुमार पटैल, अनिल रुहेला, बेनी सिंह सेजवार का बहुत योगदान रहता है। यहां पर सावन महीने के हर सोमवार को मेला लगता है। जहां पर दिन भर प्रसाद वितरण का कार्य चलता है। मंदिर के संस्थापक एवं रिटायर्ड इंजीनियर एसके जैन हर कार्यक्रम में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। सोमवार को भी उनका पूरा परिवार मंदिर की सेवा में लगा रहा। इस शिव मंदिर में शिवजी की मनमोहक प्रतिमा को देखने लोग दूर दूर से आते हैं। मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेंद्र पटेल, अशोक सिलोकिया, संतोष पटैल, रामकुमार पटैल, अनिल रुहेला, बेनी सिंह सेजवार का बहुत योगदान रहता है। यहां पर सावन महीने के हर सोमवार को मेला लगता है। जहां पर दिन भर प्रसाद वितरण का कार्य चलता है। मंदिर के संस्थापक एवं रिटायर्ड इंजीनियर एसके जैन हर कार्यक्रम में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। सोमवार को भी उनका पूरा परिवार मंदिर की सेवा में लगा रहा।