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कोरोना मरीजों को Shivraj government दी बड़ी रियायत, स्वास्थ्य महकमा नया आदेश जारी करना गया भूल

locationनरसिंहपुरPublished: Apr 08, 2021 03:04:51 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों को नहीं दी सरकारी रियाययत की जानकारी-अस्पतालों में मरीजों से जांच के नाम पर लिए जा रहे हैं मनमाने दाम

कोरोना वायरस (प्रतीकात्मक फोटो)

कोरोना वायरस (प्रतीकात्मक फोटो)

नरसिंहपुर. प्रदेश के नागरिकों को बेहतर सुविधा देने के लिए Shivraj government तमाम कार्य कर रही है। लेकिन प्रशासनिक अमला है कि उन सुविधाओं की जानकारी तक नागरिकों से छिपा ले रहा है। नागरिक ही क्यों सुविधा प्रदाताओं तक को सरकारी आदेश की जानकारी नहीं दी जा रही। ऐसे में लोग परेशान हो रहे हैं। इस मंदी के दौर में लोगो की जेब नाहक ही ढीली हो रही है।
बताया जा रहा है कि कोरोना व अन्य बीमारियों से संबंधित जांच के लिए जिस सीटी स्कैन कराने पर निजी अस्पतालों में छह हजार रुपये तक वसूले जा रहे हैं। लेकिन सरकार इस जांच की कीमत आधी कर दी है। लेकिन मरीजों को इसका फायदा ही नहीं मिल रहा क्योंकि सरकार के इस निर्णय को निजी अस्पताल संचालकों को नहीं दी गई। स्वास्थ्य विभाग केवल आरटीपीसीआर, एंटीजन आदि टेस्ट की रेट लिस्ट ही जारी कर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो गया।
बता दे कि कोरोना संक्रमण तेज होने पर सीने में कोरोना के संक्रमण की जांच को सीटी स्कैन कराना पड़ रहा है। ऐसे मरीजों की तादाद इधर बीच बढ़ गई है। इसे देखते हुए ही सरकार ने सीटी स्कैन की कीमत आधी की, ताकि आम आदमी को राहत मिल सके। वो छह की बजाय तीन हजार में ही सीटी स्कैन करा सके।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ऑफिशियल फेसबुक पेज पर अपलोड जानकारी के अनुसार सीटी स्कैन के लिए अब मरीजों को मात्र 3 हजार रुपये ही देने होंगे। इससे अधिक की राशि निजी अस्पताल-लैब नहीं वसूल सकेंगे। इसी तरह कोरोना की जांच के लिए उपलब्ध तकनीकों जैसे आरटीपीसीआर के लिए अधिकतम शुल्क 700 रुपये प्रति मरीज तय किया गया है। यदि सैंपल मरीज के घर जाकर लिया जाता है तो अतिरिक्त शुल्क के रूप में 200 रुपये लिया जा सकेगा। इस राशि में क्लीनिक की ओर से व्यय किए जाने वाली पीपीई समेत सभी तरह की किट शामिल है।
इसी तरह रेपिड एंटीजन टेस्ट से कोविड 19 जांच यदि अस्पताल, प्रयोगशाला में किया जाता है तो जांच शुल्क 300 रुपये प्रति मरीज लिया जाएगा। इसका सैंपल घर पर लिए जाने की स्थिति में अतिरिक्त शुल्क 200 रुपये लिया जा सकेगा। जांच वही अस्पताल व प्रयोगशाला कर सकेंगे जो एनएबीएल द्वारा मान्यताप्राप्त है। सैंपल लेने के बाद संबंधित संस्थानों को जांच का परिणाम राज्य सरकार व आइसीएमआर के साथ वास्तविक समय पर पोर्टल पर साझा करना होगा। आरटीपीसी एप भी तत्काल अपलोड करना होगा। तत्काल ही मरीज को संबंधित मरीज को जानकारी देना होगी। जिन जांचों की कीमत प्रदेश सरकार ने तय की है, उसकी जानकारी मरीजों को लग सके, इसके लिए अस्पतालों-लैब को आदेश दिए गए हैं कि वे रेट सूची अपने संस्थानों में उस जगह चस्पा करें, जहां मरीज इसे सुलभता से देख-पढ़ सकें।
प्रदेश सरकार ने आरटीपीसीआर, रेपिड एंटीजन टेस्ट, सीटी स्कैन के अलावा अन्य जांचों की भी कीमत तय कर दी है। इसके अंतर्गत एबीजी टेस्ट 600 रुपये, डी डाइमर टेस्ट 500 रुपये, प्रो कैल्सीटोनिन टेस्ट 1 हजार रुपये, सीआरपी टेस्ट 200 रुपये, सीएम फैरिटिन टेस्ट 180 रुपये व आईएल 6 टेस्ट 1 हजार रुपये में होगी। इससे अधिक कीमत वसूलना दंडनीय कहा गया है। ये दरें तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गईं हैं।
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