scriptकलेक्टर ने दिए 8 सुगर मिलों को कारण बताओ नोटिस | show cause notic to 8 sugar mills of narsinghpur | Patrika News

कलेक्टर ने दिए 8 सुगर मिलों को कारण बताओ नोटिस

locationनरसिंहपुरPublished: Jan 01, 2019 08:10:59 pm

Submitted by:

ajay khare

मिल मालिकों को हलफनामे पर देनी होगी गन्ना के रेट, भुगतान और बकाया की जानकारी,कलेक्टर न्यायालय में 7 जनवरी को होगी पेशी, एक पक्षीय कार्रवाई की चेतावनी

mahakoshal sugar mill narsinghpur

कलेक्टर ने दिए 8 सुगर मिलों को कारण बताओ नोटिस

नरसिंहपुर। जिले के गन्ना किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य सही समय पर दिलाने के मकसद से कलेक्टर दीपक सक्सेना ने 8 सुगर मिलों के प्रबंधकों को कारण बताओ नोटिस जारी किये हैं। कलेक्टर ने सुगर मिलों को आदेशित किया है कि वे कलेक्टर न्यायालय में 7 जनवरी को नियत पेशी में हलफनामे के साथ अनिवार्य रूप से यह बतायें कि गन्ना किसानों को उनके गन्ना का कितना मूल्य कितने समय में भुगतान किया जा रहा है। गन्ना का रेट किस आधार पर और कितना दिया जा रहा है। मप्र गन्ना अधिनियम 1958 के प्रावधानों के उल्लंघन व नियत समयावधि में जबाव प्रस्तुत नहीं करने की स्थिति में एक पक्षीय कार्रवाई की चेतावनी सुगर मिलों को दी गई है। प्रदेश में सरकार और जिले में कलेक्टर बदलने का असर अब जिले में नजर आने लगा है। गौरतलब है कि पत्रिका लगातार गन्ना किसानों के मामले को उठाती आ रही है।
इन मिलों को जारी किए नोटिस
कलेक्टर न्यायालय द्वारा कारण बताओ नोटिस रेवा कृपा सुगर मिल भिटौनी, वंशिका सुगर मिल बिलगुंवा, राजराजेश्वरी सुगर मिल मोहपानी, करेली सुगर मिल करेली, महाकौशल सुगर मिल बचई, नर्मदा सुगर मिल सालीचौका, आकृति सुगर मिल तूमड़ा और शक्ति सुगर मिल कौंडिय़ा को जारी किये गये हैं।
हलफनामे पर मांगी सुगर मिलों से जानकारी
सुगर मिलों से बिंदुवार निर्धारित जानकारी हलफनामे के साथ देने के लिए कहा गया है। सुगर मिलों को कलेक्टर न्यायालय में यह बताना होगा कि किसानों को गन्ने की उपज के लिए क्या मूल्य दिया जा रहा है और गन्ने के मूल्य के निर्धारण का आधार क्या है। नोटिस जारी होने की तिथि तक गन्ना किसानों से खरीदी गई गन्ने की उपज और उसके एवज में भुगतान की गई राशि की दिनांकवार जानकारी देना होगी। यदि भुगतान समय सीमा में नहीं किया जा रहा है, तो उसका कारण बताना होगा। गौरतलब है कि अभी तक सबसे ज्यादा संख्या में किसानों का भुगतान रोकने की शिकायतें महाकोशल सुगर मिल के खिलाफ हैं।
७ जनवरी को कलेक्टर कोर्ट में होगी पेशी
क्या विलम्ब की स्थिति में मध्यप्रदेश गन्ना प्रदाय एवं क्रय नियमन अधिनियम 1958 के प्रावधानों का पालन किया जा रहा है, यदि हां तो विलंबित भुगतान राशि और ब्याज के लिए भुगतान की गई राशि की कृषक और दिनांकवार जानकारी सुगर मिल को प्रस्तुत करना होगी। विगत वर्षों की कृषकवार बकाया राशि की जानकारी भी देना होगी। यह जानकारी 7 जनवरी को कलेक्टर न्यायालय में नियत पेशी में अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है, अन्यथा नियमानुसार संबंधित सुगर मिल के विरूद्ध एक पक्षीय कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
गन्ना अधिनियम में है कलेक्टर को कार्रवाई का अधिकार
कारण बताओ नोटिस में सुगर मिलों को अवगत कराया गया है कि मध्यप्रदेश गन्ना प्रदाय एवं क्रय नियमन अधिनियम 1958 की धारा 20 में प्रावधान है कि सुगर मिल द्वारा गन्ने के मूल्य के भुगतान के लिए कलेक्टर के संतोष योग्य उपयुक्त व्यवस्था की जायेगी। गन्ना प्राप्त होने पर गन्ने का मूल्य 14 दिन की समयावधि में गन्ना किसान को भुगतान करना होगा। नियत समय सीमा में भुगतान नहीं किये जाने पर भुगतान की तिथि तक प्रति वर्ष साढ़े 7 प्रतिशत की दर से ब्याज का भुगतान करना होगा।
गन्ना विभाग और कृषि विभाग की लापरवाही आई सामने
जानकारी के मुताबिक प्रशासन स्तर पर गन्ना किसानों के शोषण और मिल मालिकों को संरक्षण के मामले में कृषि विभाग और गन्ना विभाग की उदासीनता सामने आई है। किसानों की सैकड़ों शिकायतों के बावजूद सुगर मिलों, गन्ना और कृषि विभाग के अफसरों की मिलीभगत के चलते मध्यप्रदेश गन्ना प्रदाय एवं क्रय नियमन अधिनियम के तहत पिछले एक साल से भी ज्यादा समय में किसी भी सुगर मिल संचालक के विरुद्ध किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिसकी वजह से किसानों को एक साल से बकाया उनका भुगतान नहीं मिल रहा है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो