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सरकारी क्रय केंद्रो पर पसरा सन्नाटा, जानें क्या है वजह…

locationनरसिंहपुरPublished: Dec 02, 2021 02:10:32 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-जिले में बने हैं 49 क्रय केंद्र

सरकारी क्रय केंद्रों पर पसरा सन्नाटा

सरकारी क्रय केंद्रों पर पसरा सन्नाटा

नरसिंहपुर. समर्थन मूल्य पर धान खरीद शुरू तो हो गई है लेकिन जिले के क्रय केंद्रों पर सन्नाटा पसरा है। हाल ये है कि इन केंद्रों पर तैनात कर्मचारी दिन भर बैठ कर किसानों का इंतजार ही कर रहे हैं पर कोई आ ही नहीं रहा। ये हाल तब है जब, अब तक जिले के 257 किसानों को मैसेज भेजे जा चुके हैं। विभाग की मानें तो शेड्यूल के तहत रोजाना पांच बड़े और 15 छोटे किसानों को मैसेज भेजा जा रहा है मगर किसान क्रय केंद्र तक पहुंच ही नहीं रहे हैं।
बता दें कि जिले में धान खरीद के लिए 49 केंद्र बनाए गए हैं। जानकारी के अनुसार अब तक केवल सिहोरा केंद्र की ही बोहनी हो सकी है। वहां भी महज दो किसानों से 30 क्विंटल धान खरीदा जा सका है। उधर बाजरा क्रय केंद्र का भी बुरा हाल है। वहां तो अब तक किसी किसान के पहुंचने की सूचना ही नहीं है। ये भी बता दें कि धान खरीद के लिए 20,978 किसानों ने पंजीकरण कराया है। इसके चलते ही नरसिंहपुर तहसील में 5, करेली में 4, तेंदूखेड़ा में दो, गोटेगांव में 7, सांईखेड़ा में 8 व गाडरवारा तहसील क्षेत्र में 24 केंद्र बना गए है। वहीं ज्वार-बाजरा का एक केंद्र नरसिंहपुर जिला मुख्यालय मंडी में है, जहां 159 किसानों से ज्वार एवं एक किसान से बाजरा की खरीद होनी है। लेकिन 22 नवंबर से केंद्र शुरू होने के बाद अब तक यहां उपज नहीं आई है।
यहां ये भी बता दें कि शासन स्तर से धान का समर्थन मूल्य 1946 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया गया है, जबकि मंडियो में कहीं इससे ज्यादा दाम मिल रहा है। ऐसे में किसान सरकारी क्रय केंद्रों पर नहीं जा रहा है। बताया जा रहा है कि गाडरवारा और सालीचौका मंडी से जुड़े आसपास गांव के धान किसान मंडियो में ही उत्पाद लेकर पहुंच रहे है। याद रहे कि जिले में धान का सर्वाधिक रकबा और पंजीयन भी इसी क्षेत्र में है। यही वजह है कि गाडरवारा में ही सबसे ज्यादा क्रय केंद्र भी बनाए गए हैं।
उधर करेली-नरसिंहपुर मंडी में धान की आवक होती नहीं, गोटेगांव मंडी की हालत भी अनाज की आवक के मामले में लंबे समय से बिगड़ी है। इससे इन तहसील क्षेत्रो में धान किसानों का सहारा सरकारी खरीदी केंद्र ही है। वैसे इन तहसीलों में धान का उत्पादन भी कम है। कमोबेश यही हालत तेंदूखेड़ा तहसील क्षेत्र का है। ऐसे में धान उत्पादक किसान यहां के केंद्रो पर देरसबेर खरीद की उम्मीद है।
इस सच्चाई से अधिकारी भी वाकिफ हैं। उन्हें भी लगने लगा है कि मंडियो में धान के दाम ऐसे ही ज्यादा बना रहा तो अबकी सरकारी क्रय केंद्रो की आवक कम हो सकती है। बुधवार को गाडरवारा मंडी में धान क्रांति1885 क्विंटल आई और दाम 1501 से 1956 रुपये प्रति क्विंटल रहा। इसी तरह धान 1121 की मात्रा 868 क्विंटल दाम 2411 से 3176 एवं धान पी 1सर्वाधिक 3430 क्विंटल रही और दाम 2011 रुपये प्रति क्विंटल से 2841 रुपये प्रति क्विंटल रहा। उधर सालीचौका मंडी में करीब 4 हजार क्विंटल की आवक में दाम 1650 से 1950 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
”किसानों को लगातार मैसेज किए जा रहे है लेकिन केंद्रो पर उपज की आवक नहीं बढ़ रही है। सिहोरा केंद्र में ही खरीदी हुई है। मंडियों में धान की आवक अधिक होने की वजह दाम अधिक हो सकते हैं। लेकिन केंद्रों पर खरीदी की तैयारियां तो पूरी हैं।”-राजीव शर्मा, जिला आपूर्ति अधिकारी नरसिंहपुर
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