scriptFake Remedisivir Injections मामले की जांच को नरसिंहपुर पहुंची SIT | SIT investigated Fake Remdesivir Injection case in Narsinghpur | Patrika News

Fake Remedisivir Injections मामले की जांच को नरसिंहपुर पहुंची SIT

locationनरसिंहपुरPublished: May 15, 2021 02:50:49 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-पीड़तो के लिए बयान, मृतको के परिजनों की तलाश-Remedisivir Injection की खाली शीशियां जब्त

redmisivir injection

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नरसिंहपुर.Fake Remedisivir Injections मामले की जांच को SIT टीम नरसिंहपुर पहुंची। इस दौरान ऐसे मरीज जिनकी मौत हो चुकी है, उनके परिजनों की तलाश शुरू हो गई। साथ ही अन्य मरीजों से भी पूछताछ शुरू कर दी गई है।
जानकारी के मुताबिक एसआईटी टीम यह जानने की कोशिश में जुटी है कि सिटी अस्पताल, जबलपुर में जिले के कितने कोरोना संक्रमित मरीज 20 अप्रेल से 1 मई की अवधि के बीच भर्ती थे, जिन्हें नकली रेमडेसिविर का इंजेक्शन लगाया गया। इनमें से कितनों की मौत हुई है। एसआइटी टीम ने दो दिन तक जिले में पड़ताल की। इस दौरान मृतक के स्वजनों की खोजबीन की गई, जो पीड़ित सामने आए उनके बयान दर्ज किए गए।
बता दें कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले में सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत मोखा, समेत उनकी दवा दुकान का संचालक देवेश चौरसिया पर रासुका व अन्य धाराओं के तहत जबलपुर में अपराध दर्ज हो चुका है। उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
अब नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के कारण नरसिंहपुर जिले के कितने लोगों ने अपनी जान गंवाई है, इसकी पड़ताल तेज हो गई है। इस सिलसिले में प्रदेश सरकार द्वारा गठित एसआइटी टीम ने 12-13 मई तक जिले का गोपनीय दौरा किया। भेड़ाघाट थाना प्रभारी शफीक खान की अगुवाई में करीब पांच पुलिसकर्मियों की टीम ने नरसिंहपुर और गाडरवारा तहसील क्षेत्र में जाकर सिटी हॉस्पिटल में दम तोड़ने वाले मरीजों के स्वजनों से मुलाकात की, उनके बयान दर्ज किए गए।
बताया जा रहा है कि गाडरवारा के घाटपिपरिया गांव निवासी नरवर सिंह की मृत्यु के संबंध में उनके पुत्र रंजीत के अपने बयान दर्ज किए हैं। इसी तरह घाट बड़ोदिया गांव के मृतक महेश ममार के स्वजन ने भी सिटी हॉस्पिटल में भर्ती अवधि से लेकर दवाओं व इंजेक्शन, खर्चे आदि की जानकारी एसआइटी को उपलब्ध कराई है। गाडरवारा की ही मृतक अभिलाषा ममार के संबंध में उनके पति ने बयान दर्ज कराए। उन्होंने रेमडेसिविर के अलावा अन्य महंगे इंजेक्शनों आदि की जानकारी भी दी।
दो दिवसीय प्रवास पर रही एसआइटी टीम ने जिले में मृत मरीजों के परिजनों से मुलाकात के अलावा सिटी हॉस्पिटल में लगाए गए रेमडेसिविर इंजेक्शन के बारे में भी पड़ताल की। टीम ने दो मरीजों के परिजनों से एक दर्जन की संख्या में रेमडेसिविर इंजेक्शन की खाली शीशियां और रेपर जब्त किए हैं। इन्हें उपलब्ध कराने वालों से भी इंजेक्शन की कीमत से लेकर इलाज संबंधी अन्य जानकारियां टीम के सदस्यों ने हासिल की। देर रात टीम के सदस्य जबलपुर की ओर रवाना हो गए।
सिटी हॉस्पिटल में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मरीजों को लगाए जाने के मामले में ये बात सामने आ रही है कि सर्वाधिक पीड़ित नरसिंहपुर जिले के हो सकते हैं। बताया जा रहा है कि 20 अप्रेल से लेकर 1 मई तक की अवधि में जिले से बड़ी संख्या में कोविड के मरीज जबलपुर स्थित इस अस्पताल में भर्ती हुए थे। इस अवधि में मृतकों की संख्या भी अधिक रही है। इसके चलते एसआइटी जिले के मरीजों से लगातार शिकायत भी मांग रही है। अस्पताल में दर्ज मरीजों के नाम-पते के आधार पर उनसे संपर्क भी किया जा रहा है। एसआइटी के सदस्यों के अनुसार जांच लंबी खिंच सकती है। बहुत से मरीजों की डिटेल मिलना अभी बाकी है।
वरिष्ठ अधिवक्ता राव अजेंद्र सिंह ने भी एसआइटी के सामने पेश होकर अपना बयान दर्ज कराया। अजेंद्र पहले ही ओमती थाना प्रभारी के नाम सिटी हॉस्पिटल में नकली रेमडेसिविर के इंजेक्शन लगाए जाने की शिकायत दर्ज करा चुके हैं। एसआइटी के समक्ष उन्होंने बताया कि अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान उन्हें चार इंजेक्शन असली लगे थे, जबकि दो नकली थी। क्योंकि इन दो इंजेक्शनों को लगाने के बाद इसके रैपर और खाली शीशी को अस्पताल प्रबंधन ने अपने कब्जे में ले लिया था। इसी तरह अप्रेल के अंतिम सप्ताह में तीन दिन तक इसी अस्पताल में भर्ती रहे भाजपा नेता कुंवर विक्रांत पटेल के भी बयान दर्ज किए गए। हालांकि इनका कहना था कि भर्ती के दौरान उन्हें रेमडेसिविर का कोई इंजेक्शन ही नहीं लगा था।
“दो दिन (12-13 मई ) की पड़ताल के दौरान हमने तीन मृतकों के परिजनों के बयान दर्ज किए हैं। इसके अलावा नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन जिन्हें लगे हैं, उनके कथन लिए गए हैं। गाडरवारा-नरसिंहपुर के बहुत से मरीज चिंहित अवधि के दौरान सिटी अस्पताल में भर्ती रहे हैं। अभी जांच जारी है, जैसे-जैसे जिले के मृतकों की जानकारी, शिकायत हमारे पास आ रही है, हमारी टीम उनके बयान लेने पहुंच रही है। नकली रेमडेसिविर के इंजेक्शन किन्हें लगे हैं, उसकी भी जानकारी जुटाई जा रही है।-शफीक खान,सदस्य एसआइटी और भेड़ाघाट थाना प्रभारी
क्राइम ब्रांच भी जुटी जांच में

सिटी हॉस्पिटल जबलपुर में नकली रैमडेसिविर से जान गंवाने वाले मरीजों की जांच एक तरफ एसआइटी की टीम कर रही है तो वहीं जो लोग इस अस्पताल में 20 अप्रेल से 1 मई तक की अवधि में यहां भर्ती रहे हैं, उनके पास अब क्राइम ब्रांच जबलपुर से भी फोन आ रहे हैं। फोन करने वाले अधिकारी मरीजों से अस्पताल में इलाज संबंधी बातों की जानकारी भी ले रहे हैं। शुक्रवार को 6-7 लोगों के पास इस तरह के फोन पहुंचे हैं। इनमें जिले के भाजपा नेता कुंवर विक्रांत पटेल भी शामिल रहे।
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