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कागजों पर रेंग रहे लाखों के प्रोजेक्ट, सुविधाएं न मिलने से लोग परेशान

locationनरसिंहपुरPublished: Jan 13, 2020 11:04:40 pm

Submitted by:

ajay khare

समय सीमा निकल जाने के बाद भी आधे अधूरे पड़े जिले में कई निर्माण कार्य

narsinghpur

समय सीमा निकल जाने के बाद भी आधे अधूरे पड़े जिले में कई निर्माण कार्य

नरसिंहपुर. जिले में नई अधोसंरचना विकसित करने के लिए जिला मुख्यालय सहित नगरीय क्षेत्रों में संचालित किये जा रहे लाखों क ी लागत के कई कार्य धीमी गति से चल रहे हैं। निर्माण की मंथर गति के कारण जहां एक ओर इनकी लागतें बढ़ रही है वहीं दूसरी आम नागरिक काफी परेशान हो रहा है। इन निर्माण कार्याे में कई ऐसे प्रोजेक्ट भी शामिल हैं,जिनकी समय अवधि निकल चुकी है इसके बाद भी मिल रहे एक्स्टेंशन की बदौलत यह जारी तो हैं लेकिन अपेक्षित प्रगति नजर नही आ रही है।
१- करेली में बायपास करेली बस्ती एनएच २६ से लेकर करेली बरमान चौराहा होते हुए गोंगावली वायपास को जोडऩे वाली सड़क का निर्माण पूरा साल गुजरने के बाद भी पूरा नहीं हो सका है। इस निर्माणाधीन सड़क की मंथरगति का खामियाजा करेली के नागरिक लंबे समय से भोग रहे हैं। इसी तरह बरमान से डोभी होते हुए तेंदूखेड़ा तक निर्माणधीन रोड भी दो साल से अधिक समय गुजरने के बाद भी पूरी नहीं हो सकी है। इसके अलावा करेली बस्ती से आमगांव होते हुए निवारी सिंहपुर बड़ा तक जाने वाली सीसी रोड भी पिछले डेढ़ साल से अधूरी पड़ी है।
२-कहीं अधूरी तो कहीं पूरी ही नहीं हो सकी जलावर्धन योजनाएं
जिले में नरसिंहपुर मुख्यालय सहित करेली,गाडरवारा में करोड़ों की जलावर्धन योजनाओं पर काम चल रहा है। लेकिन दो से तीन साल होने के बाद भी लोगों को पानी नही मिल सका है। नरसिंहपुर में इस योजना का बाकायदा लोकापर्ण भी हो गया है लेकिन अभी भी पूरे शहर को इससे जलापूर्ति शुरू नही हो सकी है। इसी तरह करेली में इस योजना में अभी वाटर सप्लाई लाइन की टेस्टिंग का खेल ही चल रहा है। वहीं गाडरवारा में अंडरग्राउंड वाटर सप्लाई लाइन डालने के लिए सड़कों की खुदाई की जा रही है जो समूचे शहर के लिए परेशानी का कारण बनी हंै।
३-रोड,तालाब,बस स्टैंड के टेंडर होने के बाद भी अभी काम चालू नहीं
साईंखेड़ा में नगर परिषद का कार्यकाल खत्म हो गया। इसके बाद भी आवारा पशुओं के लिए कोई व्यवस्था नहीं दे पाई, कांजी हाउस भी बंद पड़ा है। कांजी हाउस चालू न होने से रोड पर जानवर बैठे रहते हैं। जिससे दुर्घटनाएं हो रही हैं। इसी प्रकार अभी तक तहसील कार्यालय पुराने भवन में ही संचालित हो रहा है। निर्माणाधीन तहसील के लिए 2 एकड़ जमीन एवं 3 करोड़ 75 लाख रुपए भी मंजूर हो चुके हैं।इसकी समय अवधि 1 वर्ष के लिए थी कछुए चाल की गति से काम चल रहा है। इधर शहर को गंदगी से मुक्त करने के लिए सीवरेज लाइन का काम चालू है। लेकिन 1 वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी काम आधा अधूरा पड़ा है। इसकी समय अवधि 12 दिसंबर 2020 है पर कछुए गति से चल रहा है। काम को देखते हुए लग रहा है कि अभी 2 साल से भी ज्यादा समय लग जाएगा। इसके अलावा साईंखेड़ा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को सौंदर्यीकरण एवं निर्माण के लिए 10 लाख रुपए स्वीकृत किए गए थे पर अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका।
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वर्जन
जिले में जो भी काम अधूरे पड़े हैं और अभी तक अपनी समय सीमा में पूरे नहीं हो सके हैं उनके बारे में विभागीय अफसरों से जानकारी लेकर यथाशीघ्र पूरे कराए जाएंगे। लोगों को हो रही परेशानी को लेकर संबंधित ठेकेदार एवं विभाग के अफसरों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
संदीप पटेल अध्यक्ष जिला पंचायत

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