इन्हें ऐसी फली मकर संक्रांति कि 4 घंटे में सप्लाई कर दिया 11 टन जैविक गुड़ और उनसे बने उत्पाद
मकर संक्रांति पर पहले बुड़की बांचने वाले हुआ करते थे जो यह बताते थे कि इस बार यह किसे फलेगी और किसके लिए कैसे दिन आएंगे। इस बार की बुड़की यहां के जैविक किसान राकेश दुबे को ऐसी फली कि उन्होंने मकर संक्रांति के पर्व पर 11 टन जैविक गुड़ और उससे बने विभिन्न उत्पाद मकर संक्रांति पर खाने व व्यंजन बनाने के लिए सप्लाई कर दिए।

नरसिंहपुर. मकर संक्रांति पर पहले बुड़की बांचने वाले हुआ करते थे जो यह बताते थे कि इस बार यह किसे फलेगी और किसके लिए कैसे दिन आएंगे। इस बार की बुड़की यहां के जैविक किसान राकेश दुबे को ऐसी फली कि उन्होंने मकर संक्रांति के पर्व पर 11 टन जैविक गुड़ और उससे बने विभिन्न उत्पाद मकर संक्रांति पर खाने व व्यंजन बनाने के लिए सप्लाई कर दिए। उनके सहकर्मियों ने मात्र 4 घंटे के अल्प समय में 11 टन गुड़, कैंडी , खांड आदि की पैकिंग कर कर गाडिय़ों को अपने अपने गंतव्य के लिए रवाना कर दिया । उन्होंने बताया है कि पैकिंग के लिए गुड़ पर लगाई गई पॉलिथीन केवल परिवहन हेतु होती है। घर पर पहुंचते ही उस पॉलिथीन को तुरंत अलग कर 1 दिन की धूप दिखाकर अपने किसी हवादार डब्बे में संरक्षित कर लेना चाहिए। गुड़ पर लगाई हुई पॉलिथीन यदि ज्यादा समय तक लगी रहे तो वह गुड़ को नुकसान पहुंचा सकती है।दुबे का कहना है कि जैविक उत्पाद सप्लाई करने का उनका प्रमुख उद्देश्य यही है कि मकर संक्रांति की खुशियां और मिठास जहर मुक्त हों जिनमें किसी भी प्रकार के रसायनों का उपयोग न हुआ हो।
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