जिले में रेवा कृपा सुगर मिल भिटौनी, वंशिका सुगर मिल बिलगुंवा, राजराजेश्वरी सुगर मिल मोहपानी, करेली सुगर मिल करेली, महाकौशल सुगर मिल बचई, नर्मदा सुगर मिल सालीचौका, आकृति सुगर मिल तूमड़ा और शक्ति सुगर मिल कौंडिय़ा मिल संचालित हैं। जिनके खिलाफ मिलों के खिलाफ क्षेत्रीय किसानों और अन्य लोगों ने प्रदूषण फैलाने सहित अन्य शिकायतें की थीं। ये शिकायतें स्थानीय प्रशासन से किए जाने के बाद अंत में जिले के प्रभारी मंत्री से तरुण भनोत से शिकायत की गई थी। जिस पर मंत्री ने कलेक्टर को जांच के निर्देश दिए थे।
ये हैं जांच के मुख्य बिंदु
-सुगर मिलों द्वारा फैलाए जा रहे प्रदूषण
-मिलों में अवशिष्ट का निस्तारण व उपचार
-किसानों के वर्तमान भुगतान की स्थिति
-किसानों के पूर्व वर्तमान भुगतान की स्थिति
जांच में शामिल हैं ये अधिकारी
जांच दल के मुखिया जिला पंचायत के सीईओ कमलेश भार्गव हैं । टीम में उप संचालक कृषि राजेश त्रिपाठी, सहायक संचालक गन्ना अभिषेक दुबे, संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय दंडाधिकारी व अनुविभागीय पुलिस अधिकारी शामिल हैं।
इनका कहना है
जिले में संचालित सुगर मिलों की जांच अभी पूरी नहीं हो सकी है, कुछ मिलों की जांच बकाया है जो जल्द ही पूरी कर ली जाएगी। जांच के बिंदुओं में प्रदूषण एक अहम मुद्दा है। कई मिलों के खिलाफ गंभीर शिकायतें थीं।
कमलेश भार्गव, सीईओ जिला पंचायत