शक्कर-पेंच लिंक संयुक्त परियोजना से बढ़ेगा 95839 हेक्टेयर सिंचाई का रकबा
करीब 4434.02 करोड़ रुपए लागत की शक्कर-पेंच लिंक संयुक्त परियोजना इस जिले की कृषि अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा सहारा साबित होगी।
नरसिंहपुर
Published: May 13, 2022 10:16:17 pm
नरसिंहपुर. करीब 4434.02 करोड़ रुपए लागत की शक्कर-पेंच लिंक संयुक्त परियोजना इस जिले की कृषि अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा सहारा साबित होगी। इस परियोजना से यहां सिंचाई का रकबा बढऩे के साथ ही कृषि उत्पादन बढ़ेगा जिससे कृषकों की आर्थिक स्थिति तेजी से मजबूत होगी । गौरतलब है कि नरसिंहपुर जिले के चीचली विकासखंड अंतर्गत हथनापुर गांव में पहाड़ के पास बांध प्रस्तावित है। यहां वी आकार में चट्टानें हैं जिसकी वजह से इसे बांध बनाने के लिए उपयुक्त पाया गया है। बांध बनने से शक्कर नदी में साल भर पानी बना रहेगा। जिससे क्षेत्र का जलस्तर भी बढ़ेगा और जिले में सिंचाई का रकबा 95839 हेक्टेयर तक बढ़ जाएगा। गौरतलब है कि इस परियोजना को स्वीकृत कराने में राज्यसभा सदस्य कैलाश सोनी की प्रमुख भूमिका रही है। उन्होंने इसे स्वीकृत कराने के लिए प्रदेश शासन के अलावा केंद्र स्तर पर भी प्रयास किए हैं जिससे यह परियोजना स्वीकृत हो सकी है।
बिजली बनेगी और किसानों की जमीनें नहीं छिनेंगी
इस परियोजना को लेकर जो सबसे बड़ी बात है वह यह है कि इसमें किसानों की कृषि भूमि डूब के दायरे में नहीं आएगी जिससे न तो किसानों को अपनी जड़ों से दूर होना पड़ेगा और न ही शासन को किसानों की कृषि भूमि के अधिग्रहण ेके एवज में करोड़ों रुपए का मुआवजा देेना होगा। कृषि भूमि का अधिग्रहण न होने से अधिग्रहण की कानूनी प्रक्रिया में लगने वाला लंबा समय नहीं लगेगा जिससे परियोजना शुरू होने पर निर्धारित समय में उसके पूरे होने की संभावना व्यक्त की जाती है। इस परियोजना से सिंचाई के लिए प्रेशराइज्ड पाइप सिस्टम उपयोग किया जाएगा। जिससे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सिंचाई सम्भव हो सकेगी। परियोजना से यहां पांच से 10 मेगावाट बिजली का उत्पादन भी हो सकेगा। है। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण (एनवीडीए) के अनुसार राज्य सरकार ने परियोजना की प्रारम्भिक लागत 3381.80 करोड़ रुपए का अनुमान लगाया था। अब संशोधित लागत 4434.02 करोड़ रुपए कर दी गई है। गौरतलब है कि जिले में इसके अलावा दूसरी परियोजना चिंकी-बोरस बैराज संयुक्त परियोजना है। चिंकी-बोरस बैराज परियोजना के अनुबंध पर पिछले साल हस्ताक्षर हो चुके हैं। इस 50 मेगावाट से अधिक बिजली उत्पादन क्षमता वाले प्रोजेक्ट की पूर्णता अवधि 72 महीने तय है।

pariyojana
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