scriptशुगर मिलों ने कम दाम में खरीदे गन्ने, फिर किसानों के साथ हुआ ये…. | Sugarcane purchased at low prices , farmers financial crunch | Patrika News

शुगर मिलों ने कम दाम में खरीदे गन्ने, फिर किसानों के साथ हुआ ये….

locationनरसिंहपुरPublished: May 18, 2019 12:00:39 pm

Submitted by:

Sanjay Tiwari

शुगर मिलों ने कम दाम में खरीदे गन्ने, फिर किसानों के साथ हुए ये….

Sugarcane purchased at low prices , farmers financial crunch

Sugarcane purchased at low prices , farmers financial crunch

नरसिंहपुर। शुगर मिलों ने इस सीजन में जिले के एक लाख से ज्यादा किसानों से सरकारी रेट के हिसाब से करीब 900 करोड़ का गन्ना खरीदा पर शासन द्वारा निर्धारित रेट 294 रुपए 20 पैसे की बजाय 270 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीद कर जहां किसानों को करीब सीधे तौर पर करीब 2 अरब रुपए की चपत लगाई है वहीं कम रेट से खरीदने के बावजूद पूरा भुगतान न कर उनका करीब 195 करोड़ रुपए का भी भुगतान दबा लिया है। इस तरह गन्ना किसानों का करीब 395 करोड़ रुपए मिल मालिकों ने दबा रखा है। कलेक्टर कोर्ट ने इस पर शुगर मिल मालिकों से रिकवरी करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है।
जानकारी के अनुसार इस सीजन में 8 मिलों ने 25 लाख टन से ज्यादा गन्ना यहां के किसानों से खरीदा है। किसानों से करीब 8 अरब रुपए का गन्ना खरीदा गया है। शासन द्वारा निर्धारित रेट 294 रुपए 20 पैसे की दर से 25 लाख टन गन्ना खरीदने पर कुल भुगतान करीब 8 अरब रुपए होता है। निर्धारित रेट से कम राशि पर भुगतान करने की वजह से किसानों को सीधे तौर पर करीब 2 अरब रुपए की चपत लगी है। नियमानुसार मिलों को 14 दिन में गन्ने का भुगतान करना चाहिए पर अभी तक अधिकांश मिलों ने 50 से लेकर 20 प्रतिशत तक भुगतान रोक कर रखा है। जिस पर मिलें ब्याज का खेल खेल रही हैं दूसरी ओर किसान अपने पैसे के लिए भटक रहे हैं। सबसे ज्यादा भुगतान 59 करोड़ 56 लाख रुपए नर्मदा शुगर मिल का बकाया है। किसानों से गन्ना खरीदने वाली मिलों ने शासन के आदेश को धता बताकर अपनी शर्तों पर अपने रेट पर गन्ना खरीदा है और अभी तक पूरा भुगतान भी नहीं किया है। न तो कलेक्टर कोर्ट के आदेशों की परवाह की और न ही गन्ना आयुक्त के आदेश को तवज्जो दी है।

इनका कहना है
जिले के शुगर मिल मालिकों द्वारा सीजन में 642.96 करोड़ का गन्ना खरीदा गया है जिसका केवल 447.98 करोड़ का भुगतान किया गया है। किसानों का 195.47 करोड़ का भुगतान बकाया है। यह भुगतान शासन द्वारा निर्धारित रेट से काफी कम पर किया गया है इसका अंतर करोड़ों में है जिसकी रिकवरी की जाएगी। प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।
दीपक सक्सेना, कलेक्टर

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो