कार्यशाला में कलेक्टर वेद प्रकाश ने गन्ना अनुसंधान केन्द्र बोहानी में गन्ना की शुुगर रिकवरी परीक्षण लैब शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश दिये। जिले में गन्ना फसल का उत्पादन बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि गन्ना में रोग व्याधि का समय पर समुचित प्रबंधन किया जाना चाहिये। उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों से कहा कि वे गांवों में युवाओं को गन्ना उत्पादन की उन्नत एवं नवीनतम तकनीक का प्रशिक्षण दें। कलेक्टर ने कहा कि प्रति एकड़ गन्ना उत्पादन एक हजार क्विंटल तक करने के लिए समन्वित प्रयास करना होंगे। इसके लिए उन्होंने किसानों को संकल्प दिलाया। उन्होंने गन्ने की फसल में अंतरवर्ती फसलों के रूप में सब्जी और कम समय में तैयार होने वाली फसलें लेने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसानों को अपने खेत की मिट्टी का परीक्षण कराकर उसमें आवश्यकतानुसार पोषक तत्वों का समुचित प्रबंधन करना चाहियेए इससे फसल उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी। डॉ. धर्मेन्द्र सिंह ने गन्ने की उत्पादन लागत कम करने के उपाय बताये।
सुरेश सिसोदिया ने गन्ने की अगेती प्रजातियों के उपयोग की सलाह दी। ओमप्रकाश त्रिपाठी ने गन्ने के लाल सडऩ रोग और बिल्ट के संक्रमण से फसल की सुरक्षा के उपाय बताये। कलेक्टर ने करेली सुगर मिल की नवीन किस्मों की गन्ना नर्सरी का अवलोकन किया। नर्सरी के माध्यम से युवाओं तथा महिलाओं को रोजगार के अवसर मुहैया कराने और उद्यमिता का विकास करने पर जोर दिया।