scriptपरीक्षायें 1 मार्च से, अभी तक नहीं हुआ पूरा कोर्स | The exams have not yet completed course since March 1 | Patrika News

परीक्षायें 1 मार्च से, अभी तक नहीं हुआ पूरा कोर्स

locationनरसिंहपुरPublished: Jan 11, 2019 08:29:10 pm

Submitted by:

ajay khare

नरसिंहपुर। एक तरफ जहां शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार लाने की दिशा में तरह तरह के प्रयास किये जा रहे है। लेकिन उक्त प्रयास केवल कॉगजी पुलंदा ही साबित हो रहे है। जिसका जीता जागता उदाहरण तेंदूखेड़ा के ग्राम हीरापुर मेें देखने मिल रहा है। शासन ने भले ही हाईस्कूल खोल दिया है लेकिन यहां पढ़ाने के लिये अधिकृत रूप से केवल एक ही शिक्षक पदस्थ है। बाकी व्यवस्था भगवान भरोसे ही चल ही है। इस विद्यालय में कक्षा 9वीं में 39 और कक्षा 10वीं में 48 छात्र छात्रायें अध्यन कर रहे है।

Government opened high school, teacher not appointed, not built in 3 years

Government opened high school, teacher not appointed, not built in 3 years

नरसिंहपुर। एक तरफ जहां शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार लाने की दिशा में तरह तरह के प्रयास किये जा रहे है। लेकिन उक्त प्रयास केवल कॉगजी पुलंदा ही साबित हो रहे है। जिसका जीता जागता उदाहरण तेंदूखेड़ा के ग्राम हीरापुर मेें देखने मिल रहा है। शासन ने भले ही हाईस्कूल खोल दिया है लेकिन यहां पढ़ाने के लिये अधिकृत रूप से केवल एक ही शिक्षक पदस्थ है। बाकी व्यवस्था भगवान भरोसे ही चल ही है। इस विद्यालय में कक्षा 9वीं में 39 और कक्षा 10वीं में 48 छात्र छात्रायें अध्यन कर रहे है।
उल्लेखनीय है कि स्कूल में अंग्रेजी संस्कृत गणित जैसे विषयों के शिक्षक न होने के कारण छात्र आज भी अध्ययन को लेकर परेशान है। बोर्ड परीक्षाएं 1 मार्च से शुरू होना है और यहां पर कोर्स भी पूरा नहीं हो पाया है। हाल ही में जनवरी माह में यहां पर अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था की गई है पूर्व में शासन द्वारा जारी किये गये तुगलगी आदेश के चलते यहां पर ऑनलाईन व्यवस्था के तहत अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था नहीं हो पाई थी जिस कारण से यहां अतिथि शिक्षक नवीन सत्र से नहीं पहुंच सके।
विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने बताया कि अभी मात्र 50-60 प्रतिशत ही कोर्स हो पाया है। बाकी कोर्स करने हेतु हम लोग स्वयं अपने स्तर से ही मेहनत करके काम चला रहे है। छात्राओं के द्वारा मुख्यमंत्री हेल्पलाईन पर भी शिकायत की गई फिर भी निराकरण की दिशा में कोई उचित पहल न हो पाना सोचनीय विषय बना हुआ है।
हीरापुर में हाईस्कूल स्वीकृत होते ही यहां पर 1 करोड़ रुपये की लागत से भवन भी स्वीकृत किया गया था। शुरूआती दौर में शासकीय जमीन न मिल पाने की स्थिति में भवन निर्माण को लेकर कई प्रकार की अटकलें लगाई जा रही थी। विधायक के प्रयासों से ग्राम के ही प्रतिष्ठित परिवारों से चर्चा कर कुछ जमीन भवन हेतु दान स्वरूप ली गई थी। समस्त औपचारिकताओं के उपरांत भवन निर्माण का काम जैसे तैसे प्रारंभ तो हो गया लेकिन ठेकेदार आधा काम छोड़कर भाग गया। दोबारा इस अधूरे भवन का टेंडर दिया गया है लेकिन यहां भी वहीं स्थिति जस की तस बनी हुई है। अभी भी भवन नहीं बन सका है।
हाईस्कूल की स्वयं की बिल्डिंग न होने के कारण यह विद्यालय माध्यमिक शाला के भवन में लगाया जा रहा है। जिसमें छात्र छात्रायें अभी भी सही तरीके से नहीं बैठ पाते है। एक अंधेरेनुमा कमरे में एक साथ 48 छात्र छात्रायें एक साथ बैठने को मजबूर है। विद्यालय परिसर में विद्युत मीटर तो लगा है लेकिन कमरों में बिजली की व्यवस्था नहीं है।
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