scriptअकाल मृत्यु को भी टाल देती है भगवान शिव की उपासना | The famine also prevents death from worshiping Lord Shiva | Patrika News

अकाल मृत्यु को भी टाल देती है भगवान शिव की उपासना

locationनरसिंहपुरPublished: May 22, 2019 07:34:09 pm

रेलवे स्टेशन स्थित शनि मंदिर प्रांगण में चल रही संगीतमय श्रीमद् शिवपुराण में नंद महाराज ने सुनाई कथा

The famine also prevents death from worshiping Lord Shiva

The famine also prevents death from worshiping Lord Shiva

गोटेगांव। रेलवे स्टेशन स्थित शनि मंदिर प्रांगण में चल रही संगीत श्रीमद् शिव पुराण कथा के तृतीय दिवस राष्ट्रीय कथा प्रवक्ता त्रिपुरा नंद महाराज ने श्रोताओं को शिव पुराण कथा सुनाते हुए बताया कि भगवान शिव की उपासना अकाल मृत्यु को भी टाल देती है कालों के भी काल हैं भगवान शिव जिनके आशीर्वाद से जीव को असाध्य रोग नहीं होते और अकाल मृत्यु भी टल जाती है महाराजश्री ने श्रद्धालुओं को बताया कि जिस की कुंडली में अगर अकाल मृत्यु योग लिखा हुआ है उसे भगवान शिव की आराधना करना चाहिए प्राचीन काल में राजा महाराजा भगवान शिव की पूजन अर्चना बड़े ही विधि विधान से किया करते थे।

एक लोटा जल से भी हो जाते हैं भगवान भोले प्रसन्न
महाराज ने आगे श्रोताओं को कथा श्रवण कराते हुए बताया कि भगवान शिव दया करुणा के सागर है अन्य देवी देवताओं की तुलना में भगवान से भी एक ऐसे देव हैं जो अति शीघ्र प्रसन्न होकर अपने भक्तों के ऊपर कृपा बरसाते हैं।

भस्मासुर को दिया अमर होने का वरदान
एक बार एक दैत्य जिसका नाम भस्मासुर था इतने भगवान शिव की कठोर साधना का कर भगवान शिव को प्रसन्न किया उसकी कठिन तपस्या से भगवान शिव प्रसन्न हुए और भस्मासुर के पास जाकर बोले कहो दैत्य राज तुम्हें क्या चाहिए उसने भगवान शिव से कहा कि हे प्रभु मैं जिसके ऊपर अपना हाथ रख दूं वह भस्म हो जाए भगवान शिव ने तथास्तु कह दिया इतना सुनते ही उस दैत्य के मन में ख्याल आया कि क्यों ना इस वरदान का परीक्षण कर लिया जाए तो वह भगवान शिव के पीछे दौड़ गया अपने वरदान का परीक्षण करने के लिए भगवान शिव भस्मासुर को अपनी ओर आते हुए देख दौड़ लगाकर भागे यह सारा दृश्य देव ऋषि नारद देख रहे थे उन्होंने छीर सागर में जाकर भगवान विष्णु से सारी बात बताई।

भगवान विष्णु ने शिव की रक्षा के लिए रखा मोहिनी रूप
देव ऋषि नारद के वचनों को सुनकर भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया और रास्ते में भस्मासुर से मुलाकात की भगवान विष्णु के मोहिनी स्वरूप को देख कर भस्मासुर मोहित हो गया और विवाह का प्रस्ताव रख दिया भगवान विष्णु ने कहा ठीक है हम तुमसे विवाह तो कर लेंगे लेकिन हमारी एक शर्त है भस्मासुर ने कहा कहो देवी तुम्हारी क्या शर्त है भगवान विष्णु ने कहा कि तुमको हमारे जैसे नृत्य करते आना चाहिए जैसा हम करते हैं वैसा आप करके दिखाएं तभी हम आप से विवाह करेंगे भस्मासुर भगवान विष्णु के मोहिनी स्वरूप की इस बात को मान जाता है और नृत्य विधा के माध्यम से उसके वरदान का परीक्षण उसी के ऊपर करवा भस्मासुर को भस्म कर उसका कल्याण करते हैं और भगवान शिव की रक्षा करते हैं।

असाध्य रोगों को नष्ट करता है भगवान शिव का महामृत्युंजय मंत्र
कथा के बीच में महाराज श्री ने श्रोताओं को महामृत्युंजय मंत्र का जाप करवाया उन्होंने इस मंत्र की महिमा बताते हुए कहा कि अगर किसी व्यक्ति को असाध्य रोग जो चिकित्सा उपचार से ठीक नहीं होता वह अध्यात्म की शरण में आकर भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र के जाप से ठीक हो जाता है।

प्रतिदिन होता है रुद्राभिषेक भक्त लेते हैं भगवान शिव का आशीर्वाद
प्रात: 9 बजे से लेकर 12 बजे तक शनि मंदिर स्थित कथा प्रांगण में निशुल्क भगवान महादेव का रुद्राभिषेक आचार्यों के द्वारा कराया जाता है जिसमें काफी संख्या में उपस्थित रहते हैं श्रद्धालु।

कथा में शामिल होने के लिए किया आग्रह
श्रीमद् शिव पुराण कथा की व्यवस्थाएं देख रहे हैं श्रीजी फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं सामाजिक कार्यकर्ता सचिन सिलावट आनंद सोनी नरेंद्र सोनी प्रमोद तिवारी राजेश महाराज रघुनाथ राय आदि ने श्रद्धालुओं को श्री शिव पुराण कथा में शामिल होने के लिए आग्रह किया।

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