जानकारी के अनुसार शनिवार को गोटेगांव की समितियों द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदा गया लगभग एक हजार टन चना तीन ट्रकों में गाडरवारा शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में वितरण हेतु लाया गया। लेकिन चना उतारते समय उसकी गुणवत्ता देखी तो पता चला कि अधिकतर चना घुना एवं डंक लगा भेजा गया है, जो कि खाने योग्य ही नहीं है। गौरतलब है कि हर माह की एक से 20 तारीख तक गरीबों को सस्ते मूल्य पर राशन दुकानों से अनाज वितरित किया जाता है। इस बार भी एक जुलाई से चने का वितरण होना था लेकिन खराब चना प्राप्त होने पर उसका वितरण रोक दिया गया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक स्थानीय शहरी क्षेत्र में लगभग 350 क्विंटल, चीचली क्षेत्र में 950 क्विंटल एवं सांईखेड़ा क्षेत्र में करीब 800 क्विंटल चने की मांग रहती है, जिसका न्यूनतम मूल्य 27 रुपए प्रति किलो निर्धारित किया गया है। यह गरीब वर्ग को बाजार मूल्य से करीब आठ दस रुपए किलो के कम भाव में को दिया जाता है।
बताया गया है वेयर हाउसों में चना के रखरखाव की जबाबदारी वेयर हाउस वालों की होती है। जिसकी सुरक्षा हेतु दवाईयों का समय समय पर छिडक़ाव किया जाता है। लेकिन इसके बाद भी चने में घुन एवं डंक लगा है। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि समर्थन मूल्य पर खरीदा गया चना एफएक्यू मापदंड से नहीं खरीदा गया। उल्लेखनीय है नागरिक आपूर्ति नरसिंहपुर द्वारा करीब तीन माह पूर्व भी वेयर हाउस गाडरवारा में घुना एवं खराब चना भेजा गया था। जिसे वेयर हाउस मैनेजर द्वारा खराब पाए जाने पर वापिस भेज दिया गया।
इनका कहना है
गुणवत्ता के हिसाब से स्टेक जारी होता है, यहां जो चना आया है उसमें कुछ चना खराब पाया गया है, जो बिक्री योग्य नहीं है। इस संबंध में उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया है। वे ही निर्णय लेंगे कि चने का वितरण किया जाए अथवा नहीं।
नरेन्द्र कुशवाहा प्रबंधक,
मप्र वेयर हाउसिंग लाजिस्टक कार्पोरेशन गाडरवारा
मेरे द्वारा आदेशित किया गया है कि राशन कार्डधारी उपभोक्ताओं को एफएक्यू का अनाज भेजा जाए। यदि खराब चना गाडरवारा भेजा गया है तो उसे वापस बुलाया जाएगा और अच्छा चना दिया जाएगा।
अरविन्द कुमार जैन
डीएम, नागरिक आपूर्ति नरसिंहपुर
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अवैध उत्खनन के मामले में एसडीएम ने लगाया 22 लाख 200 रुपए का अर्थदंड
गाडरवारा। एसडीएम कोर्ट ने अवैध उत्खनन एक मामले में दो लोगों को दोषी मानते हुए कुल 22 लाख २०० रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों अधिकारियों ने दौरा कर गाडरवारा तहसील के ग्राम ढिगसरा दुधी नदी घाट पानी मद की सरकारी भूमि अवैध उत्खनन पाया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ने खनिज अधिकारी द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन से सहमत होकर ढिगसरा निवासी अनावेदक इंद्रपाल गुर्जर व राजाराम गुर्जर को मौजा ढिगसरा दुधी नदी घाट पानी मद की शासकीय भूमि से रेत के अवैध उत्खनन का दोषी पाया। आरोपियों को खसरा नम्बर 346/2, 347/2, 352/2, 353/2, 411/2, 418/2, 419/2, 420/1, 2 कुल रकबा 41.962 हेक्टेयर से 183.35 घनमीटर रेत खनिज के लिए जिम्मेदार मानते हुए मप्र रेत नियम 2018 के अध्याय 6 की कंडिका 23 क, के तहत अवैध रूप से उत्खनित रेत खनिज की रॉयल्टी 18,335 रुपए का 60 गुुना 11,00100 रुपए की राशि के अर्थदंड से तथा पर्यावरण क्षतिपूर्ति हेतु इतनी ही राशि अर्थात कुल रुपए 22 लाख 200 रुपए के अर्थदंड से दंडित किए जाने का आदेश पारित किया गया है। आदेश में उक्त राशि एक माह के भीतर शासन के मद में जमा करने के निर्देश दिए गए है।
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बताया गया है वेयर हाउसों में चना के रखरखाव की जबाबदारी वेयर हाउस वालों की होती है। जिसकी सुरक्षा हेतु दवाईयों का समय समय पर छिडक़ाव किया जाता है। लेकिन इसके बाद भी चने में घुन एवं डंक लगा है। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि समर्थन मूल्य पर खरीदा गया चना एफएक्यू मापदंड से नहीं खरीदा गया। उल्लेखनीय है नागरिक आपूर्ति नरसिंहपुर द्वारा करीब तीन माह पूर्व भी वेयर हाउस गाडरवारा में घुना एवं खराब चना भेजा गया था। जिसे वेयर हाउस मैनेजर द्वारा खराब पाए जाने पर वापिस भेज दिया गया।
इनका कहना है
गुणवत्ता के हिसाब से स्टेक जारी होता है, यहां जो चना आया है उसमें कुछ चना खराब पाया गया है, जो बिक्री योग्य नहीं है। इस संबंध में उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया है। वे ही निर्णय लेंगे कि चने का वितरण किया जाए अथवा नहीं।
नरेन्द्र कुशवाहा प्रबंधक,
मप्र वेयर हाउसिंग लाजिस्टक कार्पोरेशन गाडरवारा
मेरे द्वारा आदेशित किया गया है कि राशन कार्डधारी उपभोक्ताओं को एफएक्यू का अनाज भेजा जाए। यदि खराब चना गाडरवारा भेजा गया है तो उसे वापस बुलाया जाएगा और अच्छा चना दिया जाएगा।
अरविन्द कुमार जैन
डीएम, नागरिक आपूर्ति नरसिंहपुर
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अवैध उत्खनन के मामले में एसडीएम ने लगाया 22 लाख 200 रुपए का अर्थदंड
गाडरवारा। एसडीएम कोर्ट ने अवैध उत्खनन एक मामले में दो लोगों को दोषी मानते हुए कुल 22 लाख २०० रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों अधिकारियों ने दौरा कर गाडरवारा तहसील के ग्राम ढिगसरा दुधी नदी घाट पानी मद की सरकारी भूमि अवैध उत्खनन पाया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ने खनिज अधिकारी द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन से सहमत होकर ढिगसरा निवासी अनावेदक इंद्रपाल गुर्जर व राजाराम गुर्जर को मौजा ढिगसरा दुधी नदी घाट पानी मद की शासकीय भूमि से रेत के अवैध उत्खनन का दोषी पाया। आरोपियों को खसरा नम्बर 346/2, 347/2, 352/2, 353/2, 411/2, 418/2, 419/2, 420/1, 2 कुल रकबा 41.962 हेक्टेयर से 183.35 घनमीटर रेत खनिज के लिए जिम्मेदार मानते हुए मप्र रेत नियम 2018 के अध्याय 6 की कंडिका 23 क, के तहत अवैध रूप से उत्खनित रेत खनिज की रॉयल्टी 18,335 रुपए का 60 गुुना 11,00100 रुपए की राशि के अर्थदंड से तथा पर्यावरण क्षतिपूर्ति हेतु इतनी ही राशि अर्थात कुल रुपए 22 लाख 200 रुपए के अर्थदंड से दंडित किए जाने का आदेश पारित किया गया है। आदेश में उक्त राशि एक माह के भीतर शासन के मद में जमा करने के निर्देश दिए गए है।
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