मंडी आकर भूखा रहता है अन्नदाता
नरसिंहपुरPublished: Jan 12, 2019 12:10:41 pm
मंडी में पांच रुपये में भरपेट भोजन कैंटीन बन्द चुनाव बाद कैंटीन होनी थी शुरू, अब मंडी समिति भंग होने से छाया संकट
गाडरवारा। प्रत्येक कृषि उपज मंडियों में आने वाले अन्नदाता किसानों को पांच रुपए में भरपेट भोजन देने कैंटीन खोली गई हैं। लेकिन गाडरवारा जैसी प्रमुख मंडी में आने वाले अन्नदाता किसानों को यहां आने के बाद भूखा ही रहना पड़ता है।
क्योंकि मंडी स्थित कैंटीन महीनों से बंद पड़ी है। पूर्व में तत्कालीन मंडी समिति एवं अध्यक्ष ने बताया था कि किसानों की शिकायत एवं केंटीन में अन्य सामग्री बेचे जाने से केंटीन ठेकेदार को प्रस्ताव पारित कर हटा दिया गया था। साथ ही विधान सभा चुनाव के बाद नए टेंडर आमंत्रित कर केंटीन जनवरी माह के आरंभ तक चालू कराने का भरोसा दिलाया गया था। चुनाव परिणाम आए एक महीने से अधिक एवं जनवरी का महीना आधा बीतने के बावजूद मंडी की केंटीन बंद पड़ी है। इससे किसानों को भूख लगने पर भूखा बैठने मजबूर होना पड़ रहा है।
इसी बीच शासन के आदेश पर सभी मंडी समितियों को कार्यकाल समाप्त होने के चलते भंग कर दिया गया है। मंडी समिति की जगह भारसाधक अधिकारी मंडियों में कार्यरत हैं। इससे लग रहा है कि अब मंडी के चुनाव होने एवं नई मंडी समिति निर्वाचित होने के बाद ही केंटीन के ठेके के टेंडर निकाले जाएंगे। जबकि अभी मंडी चुनावों की ही अधिसूचना जारी नहीं हुई है। इसमें महीनों लग सकते हैं, दूसरी ओर आने वाले महीनों में लोकसभा चुनाव की आचार संहित लगने एवं चुनावी गहमा गहमी में किसानों को भोजन देने केंटीन का मुददा खो सकता है। इसे देखते हुए अनेकों किसानों ने मंडी प्रबंधन से जल्द से जल्द टेंडर कराकर केंटीन आरंभ कराने की मांग की है। ताकि मंडी आकर अन्नदाता किसान को भूखा न रहना पड़े।
इनका कहना,,
भारसाधक अधिकारी एसडीएम मैडम से अप्रूवल ले लिया है। जल्द ही टेंडर करा कर मंडी की केंटीन चालू कराएंगे। पूर्व केंटीन संचालक को अनियमितताएं पाए जाने पर हटाया गया था।
केपी चौधरी, सचिव
जवाहर कृषि उपज मंडी गाडरवारा