87 करोड़ से अधिक की सीवरेज परियोजना का काम मनमाने ढंग से किया जा रहा है
.नर्मदा नदी को शहर के गंदे पानी के जहर से बचाने के लिए शुरू किया गया 87 करोड़ से अधिक की सीवरेज परियोजना का काम मनमाने ढंग से किया जा रहा है
नरसिंहपुर
Published: June 14, 2022 11:34:29 am
नरसिंहपुर.नर्मदा नदी को शहर के गंदे पानी के जहर से बचाने के लिए शुरू किया गया 87 करोड़ से अधिक की सीवरेज परियोजना का काम मनमाने ढंग से किया जा रहा है। पूरे शहर में काम आधा छोडक़र केवल नरसिंह वार्ड में पूरी मशीनरी और अमला झोंक दिया है। जिससे शहर के शेष २७ वार्डों में से अधिकांश में जगह जगह सडक़ें और टैंक खुदे पड़े हैं। जिससे लोग परेशानी का सामना कर रहे हैं। इस सप्ताह प्री मानसून और फिर मानसून में यह अधूरा कार्य नासूर बन कर लोगों को कष्ट देगा।
अचानक रोका काम और एक वार्ड में लगाया पूरा अमला
पिछले सप्ताह क्रमानुसार वार्डों में योजनाबद्ध तरीके से काम किया जा रहा था पर अचानक निर्देश दिए गए कि सभी वार्डों में काम रोक दिया जाए और केवल नरसिंह वार्ड में युद्ध स्तर पर काम कराया जाए। जिसके बाद नगर पालिका के निर्देश पर ठेकेदार ने सभी मशीनें और कर्मचारी वार्डों से बुलाकर नरसिंह वार्ड में लगा दिए। जिससे हालात यह बने कि अन्य वार्डों में काम जैसी स्थिति में वैसा ही अधूरा छोड़ दिया गया। उन वार्डों में कहीं सीवर टैंक के गड्ढे खुले पड़े हैं तो कहीं लाइन डालने के बाद फिलिंग नहीं की गई है। जिससे लोगों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार इस बारिश में नरसिंह तालाब में घरों का गंदा पानी रोकने के लिए
दूसरे वार्डों का काम रोक दिया गया। अब बारिश होने पर दूसरे वार्ड के लोग परेशान होंगे।
यह है परियोजना
सीवर परियोजना के लिए किए जा रहे काम के तहत शहर में सीवर चैम्बर बनाए जा रहे हैं। योजना के अंतर्गत कुल 114 किलोमीटर लंबी लाइन बिछाई जानी है और 9 एमएलडी क्षमता के दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाने हैं। गौरतलब है कि नगर के करीब १४००० घरों से निकलने वाला गंदा पानी और जलमल नगर में बहने वाले कई नालों से होकर सींगरी और शेर नदी में मिलता है। यह दोनों नदियां लगभग 15 किलोमीटर बहने के बाद नर्मदा नदी में शगुन घाट पर मिलती हैं। जो बरमान घाट से लगभग 7.५० किलोमीटर ऊपर स्थित है । जिसकी वजह से नर्मदा नदी प्रदूषित होती है। जून २०२३ तक इसका काम पूरा किया जाना है।
जर्मनी के बैंक से वित्त पोषित है परियोजना
यह परियोजना नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा मध्य प्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी के माध्यम से क्रियान्वित की जा रही है जो जर्मनी की केएफडब्ल्यू से वित्त पोषित है। परियोजना के तहत नगर के लगभग 14००० आवासों को सीवर लाइन से जोड़ा जा रहा है । सीवरेज योजना पूरी होने के बाद नगर में पैदा होने वाले जलमल को एकत्र कर उपचारित किया जाएगा। शहर से निकले गंदे पानी को उपचारित करने के बाद नर्मदा नदी में मिलाया जाएगा। इससे शगुन घाट और बरमान घाट में गंदा पानी सीधे नदी में नहीं मिल पाएगा।
फैक्ट फाइल
सीवरेज पम्पिंग स्टेशन की संख्या-४
सीवर नेटवर्क की कुल लंबाई-११८.०९ किमी
सीवर मेनहोल की संख्या-३९३६
इंटरसेप्टर टैंक की संख्या-८६२
सीवरलाइन क्लीनिंग मशीन-१
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योजना की कुल लागत-१२२.३६ करोड़
निर्माण लागत-८७.७३ करोड़
१० साल के संचालन की लागत-३०.३७ करोड़
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सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की कुल क्षमता-९ एमएलडी
विद्यमान जल शोधन यंत्र (जोन-१)७.७५ एमएलडी
शांतिनगर के समीप (जोन-२)१.२३ एमएलडी
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नगर का क्षेत्रफल-१४.७१ वर्ग किमी
नगर की जनसंख्या-(वर्ष २०२१) ५९९६६
नगर की जनसंख्या (वर्ष २०१९) ६५१०० अनुमानित
रूपांकित जनसंख्या वर्ष (२०४९) ८५७०० अनुमानित
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वर्जन
नरसिंह तालाब शहर का गौरव है उसे स्वच्छ रखने के लिए नरसिंह वार्ड में प्राथमिकता के आधार पर काम कराया जा रहा है। अन्य वार्डों में भी तेजी से काम चल रहा है। बारिश के पहले सभी अधूरे काम पूरे कर लिए जाएंगे। किसी को समस्या नहीं होगी।
केवी सिंह, सीएमओ नपा नरसिंहपुर.
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वर्जन
नरसिंह तालाब के लिए हम लोग प्राथमिकता के आधार पर काम कर रहे हैं। दूसरी जगहों पर जो समस्या निर्मित हो रही है, हम उसे लगातार ठीक कर रहे हैं, बारिश में कहीं कोई समस्या नहीं बनने देंगे।
समरेंद्र, प्रोजेक्ट मैनेजर,भुवन इन्फ्राकॉम
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वर्जन
नगर पालिका ने अचानक राजनगर वार्ड का काम रोक दिया है और केवल नरसिंह वार्ड में काम किया जा रहा है। जिससे यहां काम अधूरा पड़ा है यहां वैसे भी बारिश में कीचड़ होता है अब अधूरी खुदी पड़ी लाइन की वजह से निकलने में समस्या हो रही है। बारिश में यहां निकलना मुश्किल हो जाएगा।
संतोष स्वामी
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पूरी धनारे कालोनी खोद कर रख दी है जहां पाइप डालने के लिए खुदाई की थी वहां ठीक से फिलिंग नहीं की गई है। बारिश में यहां की मिट्टी और धंसेगी तब समस्या होगी। सीवर चैम्बर के लिए गड्ढा खोद कर डाल दिया इससे दुर्घटना हो सकती है।
भूपत सेन
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pwd
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