नरसिंहपुर

यह चमत्कारी पत्ता भरता है गरीबों का पेट, अब उस पर भी पड़ गई लात जानिए क्यों

तेंदूपत्ता की खरीदी बंद, 250 की जगह 150 से 180 तक दे रहे दाम

नरसिंहपुरMay 31, 2019 / 10:59 pm

abishankar nagaich

tendupatta

नरसिंहपुर. जिले में तेंदूपत्ता खरीदी में वन विभाग की मनमानी की वजह से तेंदूपत्ता संग्राहकोंं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । जिले में कई स्थानों पर तेंदूपत्ता की आधी अधूरी खरीदी करके बंद कर देने की वजह से गरीब तेंदूपत्ता संग्राहकों की मेहनत पर पानी फिर गया है। सरकारी तौर पर खरीदी बंद होने से बिचौलिए सक्रिय हो गए हैं जो निर्धारित दर से काफी कम पर पत्ता बेचने के लिए बाध्य कर रहे हैं। सरकारी रेट 250 रुपए प्रति सैकड़ा गड्डी है पर बिचौलिए 150 से 180 रुपए की दर से खरीद कर रहे हैं।
नर्मदा किनारे के महादेव पिपरिया, करहिया, डोंगरगांव, मुर्गाखेड़ा, सहित यहां के एक दर्जन गांवों में ग्रामीणों द्वारा एकत्र किया गया लाखों रुपए का तेंदूपत्ता उनके घरों और खलिहानों में व्यर्थ पड़ा है। वन विभाग के अमले द्वारा इसकी खरीद न किए जाने की वजह से दलालों को मौका मिल गया है । महादेव पिपरिया गांव में 25 हजार गड्डी ग्रामीणों ने तैयार कर रखी थी जिसे वन विभाग ने खरीदने से इनकार कर दिया है।
बताया गया है कि इससे पहले यहां वन विभाग के लोगों ने जो खरीदी की थी उसका भी भुगतान अभी तक नहीं किया गया है जबकि शासन की ओर से खरीद के तुरंत बाद नकद भुगतान करने के निर्देश हैं। महादेव पिपरिया, करहिया, डोंगरगांव, मुर्गाखेड़ा गांव के तेंदूपत्ता श्रमिकों ने तेंदूपत्ता एकत्र करने के लिए काफी मेहनत की थी, जंगल से पत्ता एकत्र कर उनकी गड्डियां बनाने और सुखाने में करीब एक माह से परिवार के साथ परिश्रम कर रहे थे।
नर्मदा किनारे के इन गांवों में पिछले 1 महीने से तेंदूपत्ता तोडऩे, संग्रहण करने और गड्डियां बनाकर वन विभाग को देने का काम चल रहा था। पिछले 1 सप्ताह से यहां वन विभाग के कर्मचारियों ने तेंदूपत्ता की खरीदी अचानक बंद कर दी जिससे उन किसानों को काफी नुकसान हो रहा है जिन्होंने तेंदूपत्ता एकत्र कर उनकी गड्डियां बनाकर रख ली थीं। महादेव पिपरिया के निवासी सोबरन केवट केवट, जानकी केवट,रम्मू केवट, लक्ष्मी ने बताया कि उन्होंने अपने घरों में 500 से लेकर 5000 तक गड्डियां बनाकर रखी हुई हंै । फड़ मंशियों से लेकर विभाग के अधिकारी तक से शिकायत की पर कोई जवाब नहीं दे रहे हैं और बार बार यही कहते हैं कि अब वह नहीं खरीदेंगे सरकार ने खरीदी बंद कर दी है।
इनका कहना है
इन गांवों में तेंदूपत्ता की खरीदी बंद करने की जानकारी लेकर उचित कार्रवाई की जाएगी। तेंदूपत्ता श्रमिकों द्वारा जो भी पत्ता एकत्र किया गया है उसे खरीदा जाएगा, यदि किसी का कोई भुगतान शेष है तो उसे तुरंत कराया जाएगा।
एमआर बघेल, डीएफओ

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