बारिश के मौसम नदी का जलस्तर बढऩे के कई कई दिनों तक वह स्कूल नहीं पहुंच पाते। कई बार ऐसा होता है कि गांव से स्कूल के लिए जब निकले थे तो नदी का बहाव सामान्य था लेकिन जब वापस आने लगे तो नदी में बाढ़ जैसे हालात हो गए। ऐसे में नदी पार करना दुर्घटना को आमंत्रण देना है लेकिन मजबूरी होती है जो यह सब करना पड़ता है। हमारे बच्चे रोज यह खतरा उठाते है।
ग्रामीण कहते है हमें आज तक यह नहीं बताया गया कि पुल क्यों नहीं बन रहा। पुल न होने से जिन गांवों के लोगों परेशान होते है उनमें सर्रा, खमरिया खेडा, धमेंटा, खड़ई, निगोरा, पिपरिया टोला, सिलेटी, विजनपुर, बरखेड़ा, प्रेमपुर, पापरा, सावेरी भोगरी, छींदखेड़ा कछार, महंआढ़ाना शामिल है। ग्रामीण उमाकांत दीक्षित, पूनम दीक्षित, जितेन्द्र पालीवाल, सोनू राजपूत सहित अन्य लोगों ने शासन प्रशासन से आग्रह किया है कि ग्रामीणों की समस्याओं को देखते हुए पुल निर्माण की दिशा में पहल की जाए।