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कांग्रेस नेता सुरेन्द्र राय की हत्या के अपराध में दो भाइयों को आजीवन कारावास

locationनरसिंहपुरPublished: Jul 05, 2021 09:12:57 pm

Submitted by:

ajay khare

दो साल पहले हुए कांग्रेस नेता सुरेंद्र राय हत्याकांड में कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए हत्या के आरोपी दो भाइयों को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है

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नरसिंहपुर.दो साल पहले हुए कांग्रेस नेता सुरेंद्र राय हत्याकांड में कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए हत्या के आरोपी दो भाइयों को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है। सोमवार को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश दिनेश देवड़ा ने सुरेन्द्र राय की हत्या के अपराध में अज्जू उर्फ अजय सिंह एवं विक्रम सिंह को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है। मृतक सुरेन्द्र राय प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और गोटेगांव के प्रतिष्ठित ठेकेदार थे।
घटनाक्रम के अनुसार 14 फरवरी 2019 को शाम 5.30 बजे ग्राम बिछिया मानेगांव में अजय सिंह ने रायफल से सुरेन्द्र राय को सीने में और विक्रम सिंह ने कमलेश पाठक को दाहिने कंधे में गोली मारी थी। पार्षद राजेश चौकसे और ड्राइवर लक्ष्मण चढ़ार इस घटना के चश्मदीद थे। हत्याकांड के बाद अभियुक्तों ने घटनास्थल गुड़भट्टी कुल्होर की खून भरी जमीन पर गन्ने के छोते डालकर आग लगा दी थी। घटना के बाद गंभीर रूप से घायल राय और पाठक को तत्काल गोटेगांव अस्पताल ले जाया गया था और जहां से उन्हे जबलपुर रेफर किया गया था। मेडिकल कालेज जबलपुर पहुंचने पर डाक्टरों ने सुरेन्द्र राय को मृत घोषित कर दिया था और गंभीर रूप से घायल कमलेश पाठक का इलाज किया गया। ठेमी पुलिस ने घायल कमलेश पाठक की रिपोर्ट पर आरोपीगणों के खिलाफ धारा 302,302/34, 307, 201 भादवि एवं आयुध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था।
इस चर्चित हत्याकांड में गवाही के दौरान घटना में घायल कमलेश पाठक, प्रत्यक्षदर्शी साक्षी राजेश चौकसे लक्ष्मण चढ़ार, मनीष चढ़ार अपने बयानों से मुकर गये थे और उन्होंने न्यायालय में विरोधाभासी कथन दिये। प्रकरण में तर्क के दौरान मृतक सुरेन्द्र राय के एडवोकेट देवेन्द्र गोस्वामी देवू ने उच्चतम न्यायालय के न्याय दृष्टांतों का हवाला देते हुये बताया कि साक्षियों द्वारा बयानों से मुकरने के बावजूद मामले की परिस्थितियां साबित करती हंै कि आरोपियों ने ही घटना कारित की है। गवाहों का अस्वाभाविक आचरण उनके कथनों को संदिग्ध बनाता है और ऐसी स्थिति में पुलिस अधिकारियों के साक्ष्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उपरोक्त तर्कों और न्याय दृष्टांतों से सहमत होकर प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश दिनेश देवड़ा ने आरोपी दोनों भाइयों अजय सिंह एवं विक्रम सिंह को सुरेन्द्र राय की हत्या कारित करने पर धारा 302, 302/34 भादवि में आजीवन कारावास एवं 1000 रुपए जुर्माना, गंभीर प्राणघातक चोट पहुंचाने पर धारा 307/34 भादवि के तहत 5 वर्ष का कारावास और 500 रुपए जुर्माना, स्वयं के अपराध को छिपाने के आशय से साक्ष्य मिटाने और घटनास्थल नष्ट करने के लिये धारा 201 में 3 वर्ष का कारावास एवं 200 रु.जुर्माना, आम्र्स एक्ट की धारा 27 के तहत 4 वर्ष का कारावास 1000 रुपए जुर्माना, धारा 25 आयुध अधि. में 3 साल 1000 रुपए जुर्माना और धारा 30 आयुध अधि.में 6 माह का कारावास और 500 रु.के अर्थदंड से दंडित करने का निर्णय दिया । मामले में मृतक परिवार की ओर से एडवोकेट देवेन्द्र गोस्वामी देवू एवं शासन से प्रदीप भटेले एडीपीओ ने पैरवी की थी।
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