scriptसत्संग से ही विवेक जागता है -स्वामी नित्यानंद गिरी | Vivek awakens by satsanga - Swami Nityanand Giri | Patrika News

सत्संग से ही विवेक जागता है -स्वामी नित्यानंद गिरी

locationनरसिंहपुरPublished: Jan 22, 2019 12:17:42 pm

Submitted by:

ajay khare

डुंगरिया में श्रीमद्भागवत पुराण का समापन

Bhagwat

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गाडरवारा। समीपस्थ ग्राम डुंगरिया में भगवान शिव शंकर एवं मां नर्मदा की प्राण प्रतिष्ठा के साथ भागवत कथा का गत दिवस समापन हुआ। यहां 14 जनवरी से प्रारंभ कथा में क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति भी खासी रही। ऋषिकेश कैलाश आश्रम से आए कथा व्यास, पूज्य स्वामी नित्यानंद गिरी जी महाराज के मुखारविंद से कथा श्रवण करते हुए क्षेत्रवासियों ने नशा मुक्ति का भी संकल्प लिया। कृष्ण सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए स्वामी ने सुदामा जी को निर्विकार भक्त की संज्ञा दी। दो मु_ी चावल के बदले द्वारकाधीश ने उन्हें नवजीवन प्रदान किया। उन्होंने बताया सत्संग से ही मनुष्य का विवेक जाग्रत होता है। यहां रोजाना श्रीमद् भागवत कथा के साथ साथ प्रात: छह से आठ बजे योग साधक, योग ाचार्य पंडित हरिओम शर्मा द्वारा योग शिविर भी संपन्न कराया गया। गीता प्रेस गोरखपुर का साहित्य सभी क्षेत्रवासियों द्वारा क्रय किया गया। सनातन संस्कृति में गुरु परंपरा में अनन्य श्रद्धा रखते हुए स्वामी जी ने कृष्णम वंदे जगदगुरूम् को अपनाने का परामर्श दिया। वृंदावन, हरिद्वार, चित्रकूट से ब्राह्मणों द्वारा विधि विधान से मां नर्मदा एवं शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा कराई गई। धार्मिक आयोजन से क्षेत्र का माहौल धर्ममय बना रहा।

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