बता दें कि नरसिंहपुर में पिछले चार दिन से रोजाना सौ से ऊपर कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं। हर तरफ हाय तौबा मचा है। लोग डरे हैं। ऐसे में उन्होने खुद ही घरों में कैद रहने का निर्णय सुनाया है। इससे प्रशासन औऱ स्वास्थ्य विभाग को भी काफी राहत मिलने की उम्मीद जगी है।
इस कड़ी में नरसिंहपुर व गाडरवारा के सराफा व्यापारियों ने 11 सितंबर से अपने स्तर से जिले में लॉकडाउन का ऐलान किया तो रेडिमेड वस्त्र एसोसिएशन ने भी 15 से 22 सितंबर तक अपने-अपने प्रतिष्ठान पूरी तरह से बंद रखने का निर्णय लिया है। उधर गाडरवारा व्यापारी एसोसिएशन ने 13 से 20 सितंबर तक सभी प्रतिष्ठान बंद रखने की घोषणा की है।
स्वैच्छिक लॉकडाउन को लेकर जिला मुख्यालय में जागरूक नागरिकों ने शुक्रवार सुबह विभिन्न व्यापारिक प्रतिष्ठानों में पहुंचकर व्यापारियों से विचार-विमर्श किया। इस दौरान व्यापारियों ने भीड़ को रोकने व जनस्वास्थ्य की रक्षा के लिए अपने कारोबार बंद रखने पर सहमति जताई। इसी तरह की कोशिशें करेली, गाडरवारा, तेंदूखेड़ा, गोटेगांव, साईंखेड़ा, सालीचौका में भी की गईं।
व्यापारियों ने ग्रेन मर्चेंट व दाल मिलर्स एसोसिएशन की ओर से मंडी सचिव को ज्ञापन देकर 11 सितंबर से अनिश्चितकाल तक मंडी बंद रखे जाने की सूचना दी थी। इसके तहत 11 सितंबर को मंडी में सन्नाटा पसरा रहा, सभी शेड सुनसान रहे। इसके अलावा सभी प्रकार के व्यापारियों ने महा व्यापारी संगठन के नाम से आम जन को सूचित किया है कि नगर में सराफा, कपड़ा, गल्ला, किराना, हार्डवेयर,लोहा, सीमेंट आदि सभी प्रकार के कारोबार की दुकानें बंद रहेंगी। गौरतलब है कि जिले में ही सबसे पहले लॉकडाउन लागू किया गया था। इससे कई महीनों तक लोग कोरोना के खतरे से बचे रहे, लेकिन अब बहुत अधिक मामले निकलने से लोग स्वयं लॉकडाउन की मांग करने लगे हैं। इसे देखते हुए गाडरवारा के व्यापारियों ने एकजुट होकर सभी से अपने घरों में रहने की अपील की है।
इसी क्रम में अब सिहोरा-बोहानी कस्बे के सराफा व्यापारियों ने भी जागरूकता भरा कदम उठाते हुए स्वैच्छिक लॉकडाउन की घोषणा की है। सराफा कारोबारियों के अनुसार 12 से 15 सितंबर तक सभी व्यापारी अपनी-अपनी दुकानें बंद रखेंगे।