बरमान मेले में देर रात तक बिखरे काव्य रचनाओं के स्वर
नरसिंहपुरPublished: Jan 20, 2019 03:04:02 pm
बरमान मेले में देर रात तक बिखरे काव्य रचनाओं के स्वर
Vow of poem compositions scattered till late night at the Barman fair
बरमान मेले में देर रात तक बिखरे काव्य रचनाओं के स्वर
कवि सम्मेलन का आयोजन नरसिंहपुर/करेली- बरमान घाट मेले में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें ख्यातिलब्ध कवियों ने काव्य रचनाओं की प्रस्तुतियां दी। आयोजन के पूर्व मॉ सरस्वती व मॉ नर्मदा का पूजन अर्चन किया गया। इस मौके मॉ शारदे की सुरमय वंदना नरसिंहपुर की कवियत्री आराधना कौरव ने की। धूपखेड़ा के बुंदेली हास्य नंदकिशोर शर्मा ने जख्म देकर के वो करते हैं कमाल ऐंसे हैं, मगर अब हाथ खुरपी कुदाल कैंसे हैं रचना पाठ किया तो जिले के हास्य कवि आशीष सोनी ने हमारा कुंभ भी यही है महाकुंभ भी यही, मेला हो तो बरमान के मेले के जैंसा हो रचना सुनाई। गाडरवारा के ब्रजकिशोर पटैल ने हम कलम की बंदगी को ही करम कहने लगे,झुकी हुई उनकी नजर को शरम कहने लगे रचना सुनाकर वाहवाही लूटी। आमगांव के हास्य मसाला सुनील तन्हा ने कविता पाठ कर सभी को लोटपोट किया। उन्होंने मॉ के अनादर से जन्नत नहीं मिलती मॉ की सूरत से कोई सूरत नहीं मिलती। इसी क्रम में सिंहपुर छोटा के ब्रजविहारी विराट आराधना कौरव, अमित जैन, नेत्रहीन कवि प्रदीप श्रीवास्तव,ध्यान सिंह कौरव ने देर रात्रि तक चले कवि सम्मेलन रचना पाठ किया। इस मौके पर चांवरपाठा सीईओ दुर्गेश भूमरकर और मेला परिसर के व्यापारियों सहित विनोद श्रीवास्तव, ब्रजेश नायक, नितिन रिछारिया, पवन घुरा, मुकेश रघुवंशी, राकेश मरेले, महेन्द्र कौरव सहित महिलाओ की भी बड़ी संख्या में उपस्थिति रही।