नरसिंहपुर

जंगली हाथियों को भाया बचई का गन्ना, दस दिन से उड़ा रहे खेतों में दावत

दो माह पहले 18 नवंबर को जिले में घुसे दोनों जंगली हाथियों को बचई का गन्ना भा गया है। करीब १० दिन से दोनों यहां के खेतों और जंगल में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।

नरसिंहपुरJan 23, 2020 / 09:02 pm

ajay khare

हाथी का कहर

नरसिंहपुर. दो माह पहले 18 नवंबर को जिले में घुसे दोनों जंगली हाथियों को बचई का गन्ना भा गया है। करीब १० दिन से दोनों यहां के खेतों और जंगल में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। जानकारी के अनुसार रात में वे खेतों में नजर आते हैं और सुबह होने पर या तो गन्ना के किसी बड़े खेत में छिप जाते हैं या फिर बचई के जंगल में चले जाते हैं। वन विभाग अभी तक केवल उनकी ताजी लीद के सहारे उनकी लोकेशन जुटाने और किसानों को सतर्क करने में ही लगा है। जबकि यहां के किसान हाथियों की मौजूदगी से डरे हुए हैं और शाम ढलने से पहले अपने खेतों से अपने घरों को लौट आने को मजबूर हैं।
गौरतलब है कि हाथी इस कदर यहां के लिए खतरा बने हुए हैं कि ९ जनवरी को हाथी की दहशत के चलते
टपरिया टोला खुरपा निवासी रघुनाथ सिंह का बेटा विजय घायल हो चुका है। वह सिंहपुर और गांगई के बीच अपने गन्ने के खेत में था जहां जंगली हाथी मौजूद था। इसी बीच उसके हाथी के नजदीक जाने पर उसने दौड़कर अपनी जान बचाई थी। इस दौरान वह घायल भी हो गया था। यहां जिला अस्पताल में उसका उपचार कराने के बाद उसे बेहतर उपचार के लिए जबलपुर ले जाना पड़ा था।
वन विभाग अभी तक रहा नाकाम
वन विभाग की टीम अभी तक दोनों हाथियों को यहां से खदेडऩे में नाकाम रही है। वन विभाग का कहना है कि आदमियों से हाथी की और हाथी से इंसानों की सुरक्षा के लिए वन विभाग की टीम लगातार दो माह से अपना पसीना बहाकर रात दिन हाथियों की चौकसी में लगी हैं। लगातार उन पर नजर रखी जा रही है। ड्रोन कैमरे की भी मदद ली जा रही है।
नुकसान का नहीं हो पा रहा पूरा सर्वे
जंगली गजराजों द्वारा फसलों को किए जाने वाले नुकसान के सर्वे में भी प्रशासन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हाथी बार बार कई खेतों को अपना निशाना बना रहे हैं । मसलन एक किसान के खेत में होने वाले नुकसान का सर्वे पूरा होने के बाद कुछ दिन बाद हाथी फिर उसके दूसरे खेत में नुकसान कर देते हैं जिसकी वजह से एक ही पीडि़त का पूरा क्लेम नहीं बन पाता और प्रशासन को फिर से उसके नुकसान का सर्वे कर नए सिरे से क्लेम केस बनाना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार दोनों हाथियों ने फसलों व अन्य कृषि उपकरणों को ५० लाख से अधिक का नुकसान पहुंचाया है।
बढ़ रहा खतरा
ग्रामीणों की मानें तो गन्ना की फसल की तेजी से कटाई चल रही है जिससे खेत खाली हो रहे हैं । इस वजह से भी हाथी अब भोजन की तलाश में बस्ती की ओर खेतों में अपनी आमद दे रहे हैं। जंगली हाथियों के इंसानों के नजदीक आने से मानव जीवन को खतरा बढ़ता जा रहा है।
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वर्जन
दोनों हाथी फिलहाल करीब १० दिन से बचई क्षेत्र में जमे हुए हैं। उन पर सतत नजर रखी जा रही है। ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
दिनेश मालवीय, रेंज आफीसर
वर्जन
हाथियों द्वारा लगातार नुकसान किए जाने की वजह से सर्वे कार्य बढ़ता जा रहा है और कुल नुकसान का एक आंकड़ा नहीं बन पा रहा है। कई किसानों के दावा प्रकरण तैयार हो गए हैं। शीघ्र ही क्षतिपूर्ति राशि प्रदान कर दी जाएगी।

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