बताया जा रहा है कि यह पहले से तय था कि अंडर ब्रिज चालू होने के बाद ही आरओबी पर यातायात शुरू किया जाएगा। लेकिन रेलवे ने हड़बड़ में आरओबी को बिना लोकार्पण के ही गुपचुप तरीके से खोल दिया, जबकि अभी एप्रोच रोड और चिन्हित अतिक्रमण हटाने का कार्य शेष है। इतना ही नहीं रेलवे फाटक के पास पैदल यात्रियों के फाटक को पार करने सीढ़ी तक नहीं बनी है, जबकि इसकी मांग ब्रिज के निर्माण काल आरंभ होने से ही नागरिक कर रहे हैं।
नागरिकों का कहना है कि रेलवे को फाटक तब बंद करना था जब अंडरब्रिज का कार्य पूरा हो जाता। लेकिन रेलवे के अधिकारियों ने चंद लोगों को खुश करने के लिए इससे वाहनों की आवाजाही शुरू करा दी। इससे भारी वाहनों की आवाजाही से लगने वाले जाम से तो निजात मिल रही है, लेकिन रिक्शा चालकों, हाथ ठेला चलाने वाले एवं अन्य राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वैसे भी इस आरओबी का लोकार्पण तीन जनवरी को प्रस्तावित था।
ब्रिज पर या आसपास लाइट की भी समुचित व्यवस्था नहीं है जिससे यहां शाम होते ही अंधेरा छाने लगता है। राहगीरों के लिए सीढ़ी नहीं बनी है। लेकिन रेलवे, ब्रिज निर्माण कार्य पूरा होने का दावा कर रहा है। बता दें इससे पहले भी रेलवे की हठधर्मिता के चलते करेली रेलवे फाटक 271 ए पर रेलवे ओवरब्रिज की ड्राइंग कई बार बदली। समय अवधि में कार्य पूरा नहीं हो सका, अब ब्रिज पर समुचित प्रकाश की व्यवस्था न होना और बिना अंडरपास के पूर्ण हुए रेलवे फाटक को बंद कर देना रेलवे की मनमानी को ही साबित कर रहा है।
इस संबंध में राज्यसभा सदस्य व क्षेत्रीय सांसद का कहना है कि अंडर ब्रिज का कार्य पूर्ण होने पर ही रेलवे को फाटक बंद करना था। इसे पुनः खुलवाया जाएगा ताकि पूर्ण निर्माण होने तक आवागमन में किसी को भी परेशानी न हो।