scriptघरों में हुई लकड़ी और पीतल से बने घोड़ों की पूजा | Worship of horses made of wood and bronze | Patrika News
नरसिंहपुर

घरों में हुई लकड़ी और पीतल से बने घोड़ों की पूजा

घरों में हुई लकड़ी और पीतल से बने घोड़ों की पूजा

नरसिंहपुरSep 10, 2018 / 07:27 pm

ajay khare

Worship of horses made of wood and bronze

Worship of horses made of wood and bronze

घरों में हुई लकड़ी और पीतल से बने घोड़ों की पूजा
ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह लेकर बच्चों ने घुमाया
फोटो-७,८, घरों में हुआ पूजन और सुबह निकले बच्चे
नरसिंहपुर-जिले में प्रतिवर्ष की परंपरा अनुसार रविवार को पोला पर्व धूमधाम से मनाया गया। जिले भर के ग्रामीण इलाकों में जगह.जगह बैलों को सजाकर उनकी पूजा की गई। इसके साथ ही किसानों ने बैलों को पकवान खिलाकर कृषि कार्य के लिए किए गए सहयोग पर बैलों का उपकार जताया। वहीं दूसरी ओर परंपरा अनुसार घर-घर मिट्टी व लकड़ी और पीतल के घोड़े की प्रतिमा की पूजा भी की गई। सुबह से बाजार में पूजा सामग्री की दुकानें सजी रहीं। जहां एक ओर मिट्टी व लकड़ी के बैल खरीदने बाजार में भीड़ नजर आई। वहीं दूसरी ओर बर्तन की दुकानों पर भी पीतल से बने हुए घोड़े की भी पूछ परख बरकरार रही। गौरतलब है नरसिंहपुर जिला कृषि प्रधान होने के साथ ही परंपरा और त्योहारों की संस्कृति से जुड़ा है। जिसके चलते नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में पोला पर्व का खास महत्व है। इस दिन किसान बैलों को दूल्हे की तरह सजाकर उन्हें पकवान खिलाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन किसान बैलों की सेवा कर उनका कृषि कार्य में सहयोग के लिए उपकार मनाते हैं। जिसके चलते यहां पोला किसानों का प्रमुख त्योहार माना जाता है।गौरतलब है नरसिंहपुर जिला कृषि प्रधान होने के साथ ही परंपरा और त्योहारों की संस्कृति से जुड़ा है। जिसके चलते नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में पोला पर्व का खास महत्व है। इस दिन किसान बैलों को दूल्हे की तरह सजाकर उन्हें पकवान खिलाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन किसान बैलों की सेवा कर उनका कृषि कार्य में सहयोग के लिए उपकार मनाते हैं। जिसके चलते यहां पोला किसानों का प्रमुख त्योहार माना जाता है।गौरतलब है नरसिंहपुर जिला कृषि प्रधान होने के साथ ही परंपरा और त्योहारों की संस्कृति से जुड़ा है। जिसके चलते नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में पोला पर्व का खास महत्व है। इस दिन किसान बैलों को दूल्हे की तरह सजाकर उन्हें पकवान खिलाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन किसान बैलों की सेवा कर उनका कृषि कार्य में सहयोग के लिए उपकार मनाते हैं। जिसके चलते यहां पोला किसानों का प्रमुख त्योहार माना जाता है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो