इस क्षेत्रमें हाथियों की दहशत
मेहमदपुर टोल प्लाजा के आसपास के जंगल में करीब 2 माह से दोनों जंगली हाथी सक्रिय हैं। इनकी निगरानी के लिए गज विशेषज्ञों को भी यहां बुलाया गया। ड्रोन से लगातार उन पर नजर रखी जा रही है। जिसकी वजह से अभी तक कोई जन हानि नहीं हो सकी पर फसलों को हाथियों ने जमकर नुकसान पहुंचाया है। सबसे ज्यादा नुकसान गन्ने की फसल को हुआ है। हाथियों ने दो माह में कम से कम 30 किसानों के गन्ने के खेतों में जमकर दावत उड़ाई है। रात होते ही ये खेतों में डट जाते हैं और सुबह होते ही जंगल की ओर चले जाते हैं।
लाखों का नुकसान
दोनों हाथियों ने यहां के कई किसानों के खेतों में लाखों का नुकसान किया है। जानकारी के अनुसार राजस्व विभाग द्वारा बनाए गए प्रकरणों में दोनों हाथियों ने फसलों व अन्य कृषि उपकरणों को 50 लाख से अधिक का नुकसान पहुंचाया है।
इस तरह बढ़ रहा खतरा
ग्रामीणों की मानें तो गन्ना की फसल की तेजी से कटाई चल रही है जिससे खेत खाली हो रहे हैं । इस वजह से भी हाथी अब भोजन की तलाश में बस्ती की ओर खेतों में अपनी आमद दे रहे हैं। जंगली हाथियों के इंसानों के नजदीक आने से मानव जीवन को खतरा बढ़ता जा रहा है।
दो माह से हाथियों की चौकसी कर रहे वनकर्मी
उड़ीसा से यहां आए दोनों जंगली हाथी करीब 2 माह से यहां डेरा जमाए हुए हैं। वन विभाग की टीम अभी तक दोनों हाथियों को यहां से खदेडऩे में नाकाम रही है। वन विभाग का कहना है कि आदमियों से हाथी की और हाथी से इंसानों की सुरक्षा के लिए वन विभाग की टीम लगातार दो माह से अपना पसीना बहाकर रात दिन हाथियों की चौकसी में लगी है। लगातार उन पर नजर रखी जा रही है। एक दिन पहले दोनों जंगली हाथी नरसिंहपुर जिले की सीमा से निकलकर छिंदवाड़ा जिले की सीमा में प्रवेश करने वाले थे और यह उम्मीद की जा रही थी कि जंगल के रास्ते वे यहां से कूच कर जाएंगे पर शुक्रवार को एक ग्रामीण के घायल होने की घटना हुई है।
इनका कहना है
ग्रामीण विजय पटेल पर हाथी ने हमला नहीं किया वह हाथी को देख दहशत के कारण भागा था। जिससे वह गिरकर घायल हो गया। उसे जिला अस्पताल में उपचार के बाद उसके परिजन जबलपुर ले गए । वन विभाग की टीम भी घायल के साथ गई है।
एमआर बघेल, डीएफओ