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Elephent : जानें इस युवक ने हाथी से कैसे बचाई जान

locationनरसिंहपुरPublished: Jan 10, 2020 12:33:08 pm

Submitted by:

Sanjay Tiwari

प्राथमिक उपचार के बाद इलाज के लिए जबलपुर ले गए परिजन

Elephant, sugarcane field, youth, injured, District Hospital, Jabalpur, Narsinghpur, Rural

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नरसिंहपुर। दो माह से यहां डटे जंगली हाथी के हमले में एक ग्रामीण घायल हो गया। जिसे उपचार के लिए जबलपुर ले जाया गया है। वन विभाग ने हाथी के हमले की बात से इनकार किया है। जानकारी के अनुसार गुरुवार को टपरिया टोला खुरपा निवासी रघुनाथ सिंह का बेटा विजय सिंहपुर और गांगई के बीच अपने गन्ने के खेत में था, जहां जंगली हाथी मौजूद था। इसी बीच उसके हाथी के नजदीक जाने पर हाथी ने उस पर सूंड़ से प्रहार किया जिससे वह दूर गिरा और उठकर दौडकऱ अपनी जान बचाई। घटना के समय वहां आसपास और भी ग्रामीण मौजूद थे जो इस घटना के बाद डर कर वहां से दूर चले गए। घटना के बाद घायल के परिजन उसे जिला मुख्यालय लेकर आए। यहां जिला अस्पताल में उसका उपचार कराने के बाद उसे बेहतर उपचार के लिए जबलपुर ले गए। इस घटना के बाद उस क्षेत्र में दहशत का माहौल है।

इस क्षेत्रमें हाथियों की दहशत
मेहमदपुर टोल प्लाजा के आसपास के जंगल में करीब 2 माह से दोनों जंगली हाथी सक्रिय हैं। इनकी निगरानी के लिए गज विशेषज्ञों को भी यहां बुलाया गया। ड्रोन से लगातार उन पर नजर रखी जा रही है। जिसकी वजह से अभी तक कोई जन हानि नहीं हो सकी पर फसलों को हाथियों ने जमकर नुकसान पहुंचाया है। सबसे ज्यादा नुकसान गन्ने की फसल को हुआ है। हाथियों ने दो माह में कम से कम 30 किसानों के गन्ने के खेतों में जमकर दावत उड़ाई है। रात होते ही ये खेतों में डट जाते हैं और सुबह होते ही जंगल की ओर चले जाते हैं।

लाखों का नुकसान
दोनों हाथियों ने यहां के कई किसानों के खेतों में लाखों का नुकसान किया है। जानकारी के अनुसार राजस्व विभाग द्वारा बनाए गए प्रकरणों में दोनों हाथियों ने फसलों व अन्य कृषि उपकरणों को 50 लाख से अधिक का नुकसान पहुंचाया है।

इस तरह बढ़ रहा खतरा
ग्रामीणों की मानें तो गन्ना की फसल की तेजी से कटाई चल रही है जिससे खेत खाली हो रहे हैं । इस वजह से भी हाथी अब भोजन की तलाश में बस्ती की ओर खेतों में अपनी आमद दे रहे हैं। जंगली हाथियों के इंसानों के नजदीक आने से मानव जीवन को खतरा बढ़ता जा रहा है।

दो माह से हाथियों की चौकसी कर रहे वनकर्मी
उड़ीसा से यहां आए दोनों जंगली हाथी करीब 2 माह से यहां डेरा जमाए हुए हैं। वन विभाग की टीम अभी तक दोनों हाथियों को यहां से खदेडऩे में नाकाम रही है। वन विभाग का कहना है कि आदमियों से हाथी की और हाथी से इंसानों की सुरक्षा के लिए वन विभाग की टीम लगातार दो माह से अपना पसीना बहाकर रात दिन हाथियों की चौकसी में लगी है। लगातार उन पर नजर रखी जा रही है। एक दिन पहले दोनों जंगली हाथी नरसिंहपुर जिले की सीमा से निकलकर छिंदवाड़ा जिले की सीमा में प्रवेश करने वाले थे और यह उम्मीद की जा रही थी कि जंगल के रास्ते वे यहां से कूच कर जाएंगे पर शुक्रवार को एक ग्रामीण के घायल होने की घटना हुई है।

इनका कहना है
ग्रामीण विजय पटेल पर हाथी ने हमला नहीं किया वह हाथी को देख दहशत के कारण भागा था। जिससे वह गिरकर घायल हो गया। उसे जिला अस्पताल में उपचार के बाद उसके परिजन जबलपुर ले गए । वन विभाग की टीम भी घायल के साथ गई है।
एमआर बघेल, डीएफओ

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