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अधूरी KYC के चलते 1.3 करोड़ खाते होल्ड, ऐसे चेक करें अपना स्टेटस

सेबी ने कहा कि ज्वाइंट म्युचुअल फंड खाताधारक अपना नॉमिनी बनाएं या न बनाएं ये उनकी मर्जी है।

नई दिल्लीMay 02, 2024 / 10:26 am

Akash Sharma

1.3 crore accounts held due to incomplete KYC, check your KYC status
KYC: अधूरी KYC के कारण केवाइसी रजिस्ट्रेशन करने वाली इकाइयों (KRA) ने करीब 12% निवेशकों के डीमैट और ट्रेडिंग खाते को होल्ड पर डाल दिया है। इसका मतलब यह है कि ये निवेशक अधूरी केवाइसी वाले डीमैट खातों के जरिए स्टॉक, म्यूचुअल फंड और कमोडिटी में न तो ट्रेड कर सकेंगे और न ही इस खाते से पैसे निकाल सकेंगे। देश के 5 केआरए ने संयुक्त रूप से कहा कि ये खाते बाजार नियामक सेबी के नियमों के अनुरूप नहीं हैं। इन खातों की केवाइसी अभी भी पैन और आधार के साथ अपडेट नहीं है। इनमें से अधिकतर डीमैट अकाउंट की केवाइसी यूटिलिटी बिल जैसे- बिजली, टेलीफोन, बैंक खाता डिटेल्स आदि दस्तावेजों का उपयोग करके किए गए थे।
सेबी के नियमों के अनुसार, केवाइसी को तीन कैटेगरी में बांटा है, जिनमें वैलिडेट, रजिस्टर्ड और होल्ड शामिल है। वैलिडेट केवाइसी वाले निवेशकों निवेश जारी रख सकते हैं। रजिस्टर्ड केवाइसी वाले भी निवेश जारी रख सकते हैं, लेकिन अगर वे किसी नए फंड हाउस में निवेश करते हैं या नया डीमैट खाता खोलते हैं तो उन्हें दोबारा केवाइसी करानी होगी। जिनका खाता होल्ड पर डाला गया है उन्हें तब तक निवेश करने या पैसे निकालने की अनुमति नहीं मिलेगी, जब तक की वे आधार और पैन देकर केवाइसी वैलिडेट नहीं करा लेते।

म्यूचुअल फंड निवेशकों को बड़ी राहत

बाजार नियामक सेबी ने कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देने के लिए संयक्त रूप से रखे जाने वाले म्यूचुअल फंड खातों के लिए नॉमिनी बनाने को वैकल्पिक कर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि ज्वाइंट म्युचुअल फंड खाताधारकों के लिए किसी को नामित करने की आवश्यकताओं में छूट फायदेमंद होगी। इससे जीवित सदस्य नामिनी माना जाएगा। सेबा ने सभी मौजूदा व्यक्तिगत म्यूचुअल फंड धारकों के लिए नॉमिनी नामित करने की आखिरी तारीख 30 जून 2024 तय की है। यदि निवेशक इसका पालन करने में विफल रहते हैं तो उनके म्यूचुअल फंड के फोलियो (Account) को फ्रीज कर दिया जाएगा।

फंड हाउस को भी राहत

सेबी ने म्यूचुअल फंड हाउस को कमोडिटीज (जिंस) और विदेशी निवेश की निगरानी के लिए एक ही फंड मैनेजर रखने की अनुमति दी है। इससे उसके प्रबंधन की लागत कम होगी। सेबी ने कहा कि कमोडिटीज आधारित फंड जैसे गोल्ड ईटीएफ, सिल्वर ईटीएफ और जिंस बाजार में भाग लेने वाले अन्य फंड्स के लिए अलग से एक समर्पित फंड मैनेजर की नियुक्ति अनिवार्य नहीं होगी। विदेशी निवेश करने के लिए भी अलग से फंड मैनेजर की नियुक्ति भी वैकल्पिक होगी।

इनसाइडर ट्रेडिंग पर सख्ती

सेबी (Sebi) ने म्यूचुअल फंड्स में इनसाइडर ट्रेडिंग यानी ‘फ्रंट-रनिंग’ और भेदिया कारोबार पर लगाम लगाने के लिए परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (AMC) को ‘व्हिसिल ब्लोअर’ सिस्टम विकसित करने का निर्देश दिया है। सेबी ने कहा कि म्यूचुअल फंड हाउस को इनसाइडर ट्रेडिंग की पहचान और इसके निवारण के लिए एक संस्थागत तंत्र स्थापित करना होगा। सेबी ने म्यूचुअल फंड का संचालन करने वालीं AMC के प्रबंधन की जिम्मेदारी और जवाबदेही बढ़ाने का निर्णय किया है। जब कोई कर्मचारी- निदेशक, ब्रोकर, डीलर या निवेशक गोपनीय जानकारी के आधार पर किसी कारोबार में शामिल होता है तो उसे फ्रंट-रनिंग कहते हैं।

क्या कहते हैं आंकड़ें-

11 करोड़ निवेशकों में से 1.30 करोड़ यानी करीब 12% निवेशकों के डीमैट खाते को विभिन्न केआरए ने होल्ड पर डाला, बिना केवाइसी अपडेट किए ये निवेशक किसी तरह का लेनदेन नहीं कर सकेंगे।
7.90 करोड़ यानी 73% डीमैट अकाउंटहोल्डर्स के पास वैध केवाइसी है, लगभग 1.60 करोड़ निवेशकों की केवाइसी पंजीकृत श्रेणी के अंतर्गत है, पर निवेश तक सीमित पहुंच है।

ऐसे चेक करें केवाईसी का स्टेटस

  • सबसे पहले https: //www.cvlkra.com/ पर विजिट करें
  • अब आप केवाईसी इन्क्वायरी (KYC Inquiry) पर क्लिक करें
  • आपको अपना पैन अकाउंट नंबर सबमिट करें
  • पैन और कैपचा भरकर समिट करेंगे तो वहां तीन श्रेणी में रिजल्ट दिखेगा। पहला वैलिडेटेड, दूसरा रजिस्टर्ड और तीसरा ऑन होल्ड होगा।
  • अब आपको केवाईसी के स्टेटस के बारे में पता चल जाएगा

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