जिला एवं सत्र न्यायाधीश अमरनाथ ने शेख अजहर-उल-इस्लाम उर्फ अब्दुल सत्तार शेख और मुहम्मद फरहान उर्फ मुहम्मद रफीक को यह सजा सुनाई। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शेख, फरहान और अदनान हसन उर्फ मुहम्मद हुसैन को जनवरी में गिरफ्तार किया था। इन पर अंतर्राष्ट्रीय आतंकी संगठन के लिए लोगों की पहचान करने, उन्हें प्रोत्साहित करने, कट्टर बनाने, भर्ती करने और प्रशिक्षण देने के आरोप लगे थे। अपनी अपील में शेख और फरहान ने अपनी गलती पर पछतावा जताया था।
आखिरकार गिरफ्त में आ ही गया दुनिया का सबसे खतरनाक आतंकी, सीरिया में हत्थे चढ़ा बगदादी! इन दोनों ने अपनी अर्जी में कहा कि हम वापस मुख्यधारा की जिंदगी में लौटना चाहते हैं और समाज के लिए लाभकारी होने के साथ अपने आपको फिर से आबाद करना चाहते हैं।
ISIS ने किया इराकी सेना पर क्लोरीन गैस से हमला, सैनिकों को सांस लेने में परेशानी उन्होंने यह साफ किया था कि उन्होंने बिना किसी दबाव में यह अर्जी दी है। शेख अजहर जम्मू एवं कश्मीर जबकि फरहान महाराष्ट्र निवासी हैं। हसन कर्नाटक राज्य से ताल्लुक रखता है।