पुलिस ने बताया कि यरपादू पुलिस थाने के पास यह हादसा हुआ। उस वक्त पुलिस थाने आ रहे गांव वालों का एक समूह दुकानों के पास खड़ा था। इसी दौरान यह हादसा हुआ। कुछ गांवों के लोग स्वर्णमुखी नदी से अवैध खनन की शिकायत करने पुलिस थाने आए थे।
तिरुपति शहर की पुलिस अधीक्षक आर. जयालक्ष्मी ने कहा कि ज्यादातर लोग बिजली का करंट लगने के कारण मारे गए। हादसे के समय वह पुलिस स्टेशन में मौजूद थीं। घायलों को तिरुपति के रुइया अस्पताल और श्री वेंकटेश्वरा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिक साइंसेज (एसवीआईएमएस) और श्रीकालहस्ती के सीएचसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायलों में छह की हालत गंभीर है और उन्हें सीएमसी वेल्लोर और चेन्नई में भर्ती कराया जा रहा है।
जयालक्ष्मी ने कहा कि एक सर्किल निरीक्षक, एक पुलिस उप निरीक्षक और कांस्टेबल घायलों में शामिल हंै। उन्होंने कहा कि ऐसा माना जा रहा है कि गाड़ी चालक के नियंत्रण से बाहर हो गई लेकिन दुर्घटना के निश्चित कारण की जांच की जा रही है।
ट्रक ने बिजली के खंभे से टकराने के पहले दस दोपहिया, दो ऑटो रिक्शा और एक पुलिस वाहन को कुचल दिया। इस हादसे में चालक और क्लीनर बच गए। आंध्र प्रदेश सरकार ने मारे गए लोगों के परिवार को 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री एन.चंद्रबाबू नायडू ने अधिकारियों को दुर्घटना में घायल लोगों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं।
पीएम मोदी ने दुख जाहिर किया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर दुख जाहिर किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में दुर्घटना के कारण लोगों की हुई मौत से दुखी हूं। मृतकों के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के जल्द ठीक होने की प्रार्थना करता हूं।