20 चंदन तस्कर ढेर, मानवाधिकार कार्यकर्ता ने बताया जनसंहार
Published: Apr 07, 2015 07:38:00 pm
आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में मंगलवार को दो मुठभेड़ों में पुलिस ने 20
चंदन तस्करों को मार गिराया। एक मानवाधिकार कार्यकर्ता ने इसे जनसंहार
करार दिया है।
आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में मंगलवार को दो मुठभेड़ों में पुलिस ने 20 चंदन तस्करों को मार गिराया। एक मानवाधिकार कार्यकर्ता ने इसे जनसंहार करार दिया है।
पुलिस ने बताया कि तस्करों ने हैदराबाद से करीब 500 किलोमीटर दूर चित्तूर के चंद्रगिरि मंडल क्षेत्र स्थित शेषाचलम के जंगलों में एक किलोमीटर के दायरे में दो स्थानों पर पुलिस पर हमला किया। इसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की। मुठभेड़ में मारे गए लोग निर्धन आदिवासी हैं। वे सभी तमिलनाडु के रहने वाले बताए गए हैं।
पुलिस उपमहानिरीक्षक (कार्य बल) कांता राव ने बताया कि चंदन के पेड़ काट रहे 100 से अधिक तस्करों और मजदूरों ने पुलिस पर हमला किया। इसके बाद पुलिस आत्मरक्षा में गोलियां चलाने के लिए विवश हो गईं। उन्होंने हमारे जवानों पर लाठी-डंडों व अन्य तेज हथियारों से हमला किया।
उन्होंने कहा कि मुठभेड़ सुबह पांच से छह बजे के बीच हुई। 11 तस्करों को पक्चीनोडु बांदा, जबकि नौ तस्करों को एटागुंटा में मार गिराया गया। हम इसका पता लगा रहे हैं कि मुठभेड़ में कितने पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
आंध्र प्रदेश के अधिकारियों ने कहा कि पुलिस कार्य बल व वन अधिकारियों ने मुठभेड़ में जान बचाकर भागे बाकी तस्करों और मजदूरों की तलाश में संयुक्त तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। आसपास के जिलों में पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है, ताकि तस्कर भाग न पाएं।
पुलिस ने पिछले साल मई में चित्तूर में तीन तस्करों को मार गिराया था। वर्ष 2003 में 3,000 से अधिक तस्करों को गिरफ्तार किया गया था, जबकि 2,025 टन चंदन की लकडिय़ां जब्त की गई थीं।
इस बीच, पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) ने मंगलवार को चेन्नई में आरोप लगाया कि आंध्र प्रदेश पुलिस की यह कार्रवाई एक जनसंहार है। कहा गया कि पुलिसकर्मियों ने जरूर मारने की कोशिश की होगी।
पीयूसीएल की तमिलनाडु इकाई के महासचिव एस. बालामरुगन ने बताया कि यह एक कत्लेआम है। यह आंध्र प्रदेश पुलिस द्वारा पूर्वनियोजित हत्या है।
उन्होंने तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश सरकार से इस मामले में तुरंत कार्रवाई करने की गुहार लगाई है, ताकि आंध्र प्रदेश के जंगलों में बचे करीब 100 लोगों (कथित तस्कर) की जान बचाई जा सके।
बालामरुगन ने कहा कि तमिलनाडु के भूमि रहित आदिवासियों को तस्करों ने चंदन के कीमती पेड़ों को काटने के लिए बहकाया। मजदूरों को प्रति पेड़ करीब 300 रुपए दिए गए।
उन्होंने कहा कि वे इस काम के जोखिम से परिचित नहीं हैं। मजदूर सोचते हैं कि पेड़ काटना तो एक मामूली सा अपराध है। इससे पूर्व भी आंध्र प्रदेश के जंगलों में पेड़ काटने गए कई लोग लापता हो गए।
इस बीच, पुलिस महानिदेशक जे.वी. रामुदू ने हैदराबाद में मुख्यमंत्री एन.चंद्रबाबू नायडू से मुलाकात कर उन्हें घटना की जानकारी दी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने एक आपात बैठक बुलाकर स्थिति की समीक्षा की।
आंध प्रदेश में चंदन तस्कर विशेष रूप से रायलसीमा क्षेत्र स्थित शेषचलम की पहाडिय़ों और नेल्लोर जिले में पांव पसार रहे हैं। चंदन का जंगल 4.67 हेक्टेयर जमीन पर फैले होने का अनुमान है।