script26/11 हमले में मिले जख़्मों के बाद इन आठ सालों में कहां पहुंचे हम | 26/11 attack in eight years where we have arrived | Patrika News

26/11 हमले में मिले जख़्मों के बाद इन आठ सालों में कहां पहुंचे हम

Published: Nov 26, 2016 12:37:00 pm

मुम्बई हमला में एकमात्र जीवित आतंकी अजमल कसाब पकड़ा गया। जिसे बाद में फांसी दे दी गई। इस कांड के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी बनाया गया। साथ ही इस चरमपंथी हमले के बाद अमरीका से आतंकवाद मामले में तालमेल भी बढ़ा। आज 26/11 घटना को हुए आठ साल हो चुके हैं।

mumbai 2611

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आज से ठीक आठ साल पहले 26 नवम्बर की रात को मुम्बई में घातक आतंकी हमले हुए थे। लगातार 60 घंटे तक चली इस हमले में 160 से भी अधिक नागरिक मारे गए थे और 308 से ज्यादा घायल हुए थे। इस आतंकी हमले की वजह से मुंबई तीन दिनों तक लगातार डर और खौफ के साए से लड़ते हुए सहम चुका था। मुंबई में हुआ 26/11 हमला कहीं ना कहीं लोगों को न्यूयार्क की 9 /11 की यादें और दर्द को ताजा कर गया था। 
26/11 के बाद अजमल कसाब को फांसी हो गई

मुम्बई हमला में एकमात्र जीवित आतंकी अजमल कसाब पकड़ा गया। जिसे बाद में फांसी दे दी गई। इस कांड के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी बनाया गया। साथ ही इस चरमपंथी हमले के बाद अमरीका से आतंकवाद मामले में तालमेल भी बढ़ा। आज 26/11 घटना को हुए आठ साल हो चुके हैं और ये सवाल भी पूछा जाना लाजिमी ही है कि भारत सुरक्षा मामले में कहां पहुंचा है। गौर करें तो आतंकी हमलों से हम अभी तक अपने देश को उतना सुरक्षित नहीं कर पाए है जितना कि हम सोचते हैं। पठानकोट और उरी हमला हमारी सुरक्षा नकामियों का सबसे ताजा उदाहरण है।
सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भी पाक की हरकतें कम नहीं हुई

गौरतलब हो कि पठानकोट और उरी हमला के बाद भारत ने इस मामले में सख्ती दिखाई और सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया है। इस सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से लगातार भारत, पाकिस्तान को हर मोर्चे पर, कूटनीति से लेकर सैन्य विकल्पों पर घेरने के लिए लगा हुआ है। इसमें कोई दोराय नहीं कि पाकिस्तान के प्रति लोगों में गुस्सा अपने चरम पर है, वो आर पार की लड़ाई के मूड में है। देशवासियों में पाकिस्तान से जारी घुसपैठ का बदला लेने की मांग जोर पकड़ता जा रहा है। इसी क्रम में भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकियों के घुसपैठ करने की 8 जगहों का पता लगाया है। 
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा है कि भारत में रोज आतंकी हमले हो रहे हैं और सुरक्षा परिषद घोषित आतंकी संगठनों के सरगनाओं को आतंकी घोषित करने में राजनीति कर रही है। आतंकी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। लगातार भारत में घुसपैठ की नाकाम कोशिशें कर रहे हैं। शुक्रवार को ही घुसपैठ की दो कोशिशों को सेना के जवानों ने नाकाम कर दिया है। इस मुठभेड़ में दो आतंकियों को ढेर कर दिया गया, वहीं एक जवान भी शहीद हुआ है। 
आठ साल गुजऱ गए लेकिन अपनों के दर्द याद दिलाते हैं 

गौरतलब हो कि हाल ही में आतंकियों ने मछिल सेक्टर में भी घुसपैठ की कोशिश की थी। इस दौरान सेना के तीन जवान शहीद हुए थे, जबकि कार्रवाई में भारतीय सेना ने भी पाकिस्तान के कई सैनिक मार गिराए। हमला करने वाले बंदूकधारी पाकिस्तान के कराची शहर से अरब महासागर में एक नाव पर सवार होकर आए थे। अचानक हुए इन हमलों के लिए पुलिस तैयार नहीं थी। वैसे मुम्बई में 2006 में एक साथ कई लोकल ट्रेनों के अंदर घातक बम धमाके हो चुके थे। लेकिन 26 नवम्बर के हमले अलग थे। बंदूकधारियों के साथ मुठभेड़ में आतंकवाद निरोधक दस्ते के प्रमुख हेमंत करकरे समेत कई पुलिस वाले भी मारे गए थे। देखते ही देखते आठ साल गुजऱ गए लेकिन उन परिवार वालों के लिए इन हमलों की याद अब भी ताज़ा है जिनके सगे सम्बंधी इन में मारे गए थे।
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