बिजली सब्सिडी के मामले लगातार बढ़ रहा है मध्य प्रदेश का खर्च
भाजपा शासित राज्य मध्य प्रदेश में बिजली सब्सिडी पर लगातार खर्च में बढ़ोतरी देखी जा रही है। फाइनेंशियल ईयर 2018-19 और 2020-21 के दौरान बिजली सब्सिडी पर मध्य प्रदेश ने 47,932 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। वहीं वर्तमान फाइनेंशियल ईयर में राज्य सरकार इसके लिए अतिरिक्त पैसे खर्च करने जा रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश सरकार ने 24 मई 2022 को घोषणा की है कि वह इस साल किसानों को बिजली पर सब्सिडी देने के लिए अतिरिक्त 16,424 करोड़ रुपए रखेगी, जिससे इस साल यह खर्च और अधिक बढ़ेगा।
बिजली उत्पादन व वितरण कंपनियों के 2.5 लाख करोड़ रुपए उधार
कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि राज्य सरकारों के पास बिजली उत्पादन व वितरण कंपनियों के 2.5 लाख करोड़ रुपए उधार हैं, जिसके बाद उन्होंने राज्य सरकारों से पावर कंपनियों के सभी बकाया राशि के पेमेंट करने की अपील की है।
सब्सिडी को सुप्रीम कोर्ट सख्त?
क्या देश में मिलने वाली कई प्रकार की सब्सिडी पर सुप्रीम कोर्ट सख्त है? हम इसलिए यह कह रहे हैं क्योंकि पिछले हफ्ते पहले सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव से पहले ‘रेवड़ी कल्चर’खत्म करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह देश के लिए एक गंभीर मुद्दा है, जिससे सरकार व चुनाव आयोग पल्ला नहीं झाड़ सकते हैं। इसके साथ ही इस पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग व सरकार से विचार करने को कहा है। दरअसल देश में चुनाव से पहले लगभग सभी राजनीतिक पार्टियां वोट लेने के लिए बड़े-बड़े वादे करती है, जिसमें बिजली में सब्सिडी देने का वादा प्रमुख होता है।