लापरवाहियां आईं सामने
पुलिस द्वारा दर्ज किये गए FIR के मुताबिक इमारत फायर सिक्योरिटी प्रोटोकॉल नहीं था। इस इमारत में काम करने वाले करीब 100 कर्मचारियों के लिए एक एक ही एंट्री और एग्जिट गेट था। न ही इस इमारत को फायर विभाग की ओर से NOC दी गई थी और न इसमें आग बुझाने के लिए कोई उपकरण था।
बता दें कि मुंडका अग्निकांड में अबतक 27 लोगों की मौत हो चुकी है और 27 लोग लापता हैं। जब ये हादसा हुआ तब बिल्डिंग में दिनचर्या की तरह ही काम चल रहा था। शनिवार को करीब 4:30 बजे इमारत की पहली मंजिल में धुआँ निकलना शुरू हुआ और अचानक इमारत में चीख पुकार मच गई।
जैसे ही जानकारी मिली दमकल की गड़िया 5-10 मिनट में घटनास्थल पर पहुँच गई। पर इमारत में हालात बदतर हो चुके थे लोग खिड़कियों से जान बचाने के लिए कूदने लगे थे। करीब 12 बजे तक आग पर काबू पाया जा सका लेकिन तब तक 27 लोग अपनी जान गंवा चुके थे।
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