आपको बता दें कि विभाग ने विज्ञापन देकर करदाताओं से अपील की थी कि वे 31 जुलाई या इससे पहले अपनी आय का सही विवरण देकर रिटर्न दाखिल करें। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि करदाता वेबसाइट पर रिटर्न दाखिल कर रहे हैं। विभाग के पास इलैक्ट्रॉनिक रूप में पहले ही दो करोड़ से अधिक रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं। आखिरी तारीख 31 जुलाई है। इसे आगे बढ़ाने की कोई योजना नहीं है।
विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल में खामियां होने की खबरों पर अधिकारी ने कहा कि पोर्टल में कोई बड़ी दिक्कत सामने नहीं आई है। सिर्फ कुछ समय के लिए इस पर रखरखाव के चलते व्यवधान देखा गया था, जिसके चलते कभी-कभी पोर्टल पर ‘इंटरप्टेड फॉर मैंटीनेंस’ का मैसेज जरूर दिखाई दिया। बता दें कि नौकरीपेशा लोगों के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय आमतौर पर ‘फॉर्म-16’, ‘बैंक खातों पर मिलने वाला ब्याज’ और ‘टीडीएस सर्टिफिकेट’ के अलावा सभी कटौतियों का ब्योरा अपने साथ रखना बेहद जरूरी है। यदि आपने पिछले वित्त वर्ष के दौरान नौकरी बदली है, तो आपको पिछले और मौजूदा नियोक्ता से ‘फॉर्म-16’ लेने की जरूरत होगी।
गौरतलब है कि 1 जुलाई से रिटर्न भरने के लिए पैन के साथ आधार नंबर जोड़ना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा आयकर विभाग ने नोटबंदी के दौरान पिछले साल 9 नवंबर से 30 दिसंबर तक दो लाख रुपये से ज्यादा नकदी बैंक में जमा किये जाने की भी जानकारी रिटर्न में देने को कहा है। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से करदाताओं और अधिकारियों के बीच सीधा संपर्क घटाने के लिए आयकर केसों की जांच के लिए, सेल आयकर विभाग मामलों की जांच के लिए ‘सेंट्रलाइज्ड सेल’ स्थापित करने पर विचार कर रहा है। आपको बता दें कि भ्रष्टाचार को रोकने के लिए विभाग चेहरा विहीन व्यवस्था बनाना चाहता है जहां करदाता विभाग से संपर्क करें न कि किसी अधिकारी विशेष से।